Thursday, April 25, 2024
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नोट बंदी के बाद कोल्ड स्टोर में पड़ा सड़ रहा सब्जियों का राजा

200 रूपए पैकेट पर भी लेने को तैयार नहीं लोग
फिरोजाबाद/टूंडला, जन सामना संवाददाता। नोट बंदी के असर से आलू व्यापारी भी प्रभावित हैं। पूर्व में जहां छह सौ रूपए प्रति बोरी तक बिक चुके सब्जियों के राजा को आज कोई 200 रूपए में भी लेने को तैयार नहीं है। स्थिति ये है कि किसान कोल्ड से आलू की निकासी तक नहीं कर रहा है। सब्जियों का राजा आलू जहां पहले तक आंखें तरेरे हुआ था। वहीं अब आलू के खरीददार नहीं मिल रहे हैं। स्थिति ये है कि नोट बंदी से आलू व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो गया है। किसान कोल्ड स्टोर में रखे आलुओं को निकालने की जहमत नहीं उठा पा रहा है। वहीं कोल्ड संचालक आलू निकासी के लिए किसानों से आग्रह कर रहे हैं। बता दें कि क्षेत्र का आलू दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मद्रास, मुंबई, बैंगलुरू समेत अन्य प्रदेशों में जाता है। जहां काफी अच्छे दामों पर आलू की बिक्री होती थी। जब से नोट बंदी हुई है तब से किसी भी प्रदेश में आलू के खरीददार नहीं मिल रहे हैं। अन्य प्रदेशों में तो छोडिए यहां भी किसानों की स्थिति इससे जुदां नहीं है। नगर की मंडी में किसान आलू लाने से बच रहे हैं। आलू के स्थान पर लोग हरी सब्जियों की पैदावार को बढावा दे रहे हैं। कोल्ड से आलू की निकासी न होने के कारण कोल्ड संचालकों ने आलू फेंकना शुरू कर दिया है।
ये कहते हैं किसान-
नोटबंदी के बाद से आलू की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है। आलू उत्पादन में लगी लागत भी नहीं निकल पा रही है। हमारे छह सौ बोरे कोल्ड स्टोर में रखे हैं। जिन्हें हमने कोल्ड स्टोर मालिक से कहकर उन्हीं के सुपुर्द कर दिया है। निकालकर करेंगे भी क्या, बाजार में कोई पूछ नहीं रहा है। पवन शर्मा, आलू व्यापारी नोटबंदी से पहले जो आलू साढे पांच सौ से छह सौ प्रति बोरी बिक रहा था। अब उसे कोई फ्री में भी नहीं ले रहा है। ऐसे में लाखों रूपए का नुकसान आलू में उठाना पडा है। लोग कोल्ड से फ्री में भी आलू लाने को तैयार नहीं हो रहे हैं।