Sunday, April 28, 2024
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महाकवि सम्मेलन में कावियों ने बांधा समां

रायबरेलीः राहुल यादव। शिवगढ़ क्षेत्र के सिंहपुर मजरे सराॅय छत्रधारी में आयोजित बाबा ब्रम्हदेव के दो दिवसीय मेले के अन्तिम दिन चतुर्थ महाकवि सम्मेलन भव्य आयोजन किया गया।कविसम्मेलन का शुभारम्भ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मुख्य विकास अधिकारी विजय सिंह, विशिष्ट अतिथि पूर्व शिक्षक हारेन्द्र श्रीवास्तव द्वारा संयुक्त रुप से वीणा धारिणी माॅ सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात युवा समाज सेवी आशू सिंह द्वारा कवियों को अंग वस्त्र भेंटकर सम्मानित किया गया। वहीं कविसम्मेलन में देर पहुंचे पूर्व मुख्य विकास अधिकारी विजय सिंह ने कहा कविता संस्कार पैदा करती है। वहीं देर रात कवि सम्मेलन में सिरकत करने पहुंचे क्षेत्रीय भाजपा विधायक रामनरेश रावत ने सभी कवियों का माल्यार्पण कर साल ओढ़ाकर सम्मानित किया। श्री रावत ने साहित्यिक भाषा में अपने उद्गार व्यक्त करते हुए समाज को एक नई चेतना दी एवं श्रोताओं के समक्ष सूर सागर,कामायनी महाग्रंथ से सारगर्भित बाते रखते हुए कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है। साहित्य के बिना विकसित समाज की कल्पना नही की जा सकती है। मुख्य अतिथि विजय सिंह ने कहा कविता संस्कार पैदा करती है। बाराबंकी के मशहूर कवि राम किशोर तिवारी ने कवि सम्मेलन को प्रारम्भ करते हुए कहाकि रास्ते को मत द्वेश दे, मतकर आॅखे लाल, चप्पल में कील है पहले उसे निकाल। अगली कविता प्रसतुत करते हुए कहा कि ताला हुआ तो खुलेगा नही,संग में रंग कोई घुलेगा नही,अपने जीवन की चादर न मैली करो,इसके दागों को कोई धुलेगा नही। हास्य कवि मधुप श्रीवास्तव ’नरकंकाल’ ने अपनी कविता प्रस्तुत करते हुए कहाकि धर्म की जान खतरे में, नीम हकीम हो गये,संजीवनी समझा था वे अफीम हो गये। राष्ट्र की कौमी एकता खतरे में पड़ गई, जब से कैद में बाबा रामराहीम हो गये। रायबरेली महराजगंज के युवा कवि अन्सार हासमी ने वीररस से ओत प्रोत कविता प्रस्तुत करते हुए कहाकि यहीं जन्मा हूँ दफन भी यहीं हो जाऊंगा मैं अपने मुल्क परचम नही झुकाऊंगा, रोटियां देंगी मुझे मेरे वतन की मिट्टी,हाथ फैलाने विदेशों में नही जाऊंगा। हैदरगढ़ बाराबंकी से आये मशहूर कवि शिव किशोर तिवारी खंजन ने कविता पाठ करते हुए कहाकि विषमताओं के झोंके व्यग्र मन को ताप देते हैं, शुभाशुभ कर्म के फल पुण्य पाप देते हैं,किसी का हक कोई देने में जब नही हिच किचाता,कन्हैया तब परम प्यारे सखा को श्राप देते हैं। अमेठी से कवि रामकिशोर सिंह ’किशोर’ ने मनमोहक प्रस्तुती देते हुए कहा जन जन आॅच आयी भारती की स्मिता पर,हमने सदैव माॅ की लाज को बचाया है,घुसकर म्यामार में है भूना उग्रवादियों को,शत्रुओं की छाती पर तिरंगा लहराया है। हास्य कवि भोला पागल ने अपनी कविता शारदे भवानी महरानी एक बार,अपना विधान संविधान देख लीजिए पढ़कर श्रोताओं को मन्त्रमुग्ध कर दिया।जमुना पाण्डेय अबोध ने अपनी कविता पढ़ते हुए कहा कि मोदी जी तुम टाप कहि दिहौ,पत्ता सबकै साफ कहि दिहौ,कौन सा मन्तर जाप कहि दिहौ।इस क्रम में कवि शेषपाल सिंह ने नारी महत्ता पर मोनमोहक प्रस्तती देते हुए कहा नारी एक जीवित देवी घर को स्वर्ग बनाती है,बेटी,बहन व पत्नी बनकर यह र को चलाती है। इसी क्रम में कलम सिपाही बृजेश शुक्ल ने पर्यावरण प्रदूषण पर चिन्तन करते हुए कहाकि-यदि बढ़ता रहा प्रदूषण तो मिट जायेगा मानव ये,रो देगी ओजोन हमारी,मिट जायेगी धरती सारी,सभी हवा दो इस विपत्ति को वरना मिट जायेगी सृष्टि। कवि रणविजय सिंह राज,कवि प्रवीण त्रिपाठी ने कविता पाठ कर श्रोताओं का मन मोह लिया। कवि सम्मेलन का सफल संचालन कवि रामकिशोर तिवारी कर रहे थे। इस अवसर पर प्रधान प्रतिनिधि सतीष श्रीवास्तव,मेला कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट संतोष श्रीवास्तव,नीरज शुक्ल ,विनोद प्रधान तौली,राजू गौतम,पूर्व प्रधान विष्णु गोस्वामी,युवा समाज सेवी दुर्गा बक्स सिंह,संजय मोहन त्रिवेदी,गयेन्दु सिंह,शिवनरेश चतुर्वेदी,सुधान्शू श्रीवास्तव सहित सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।