Friday, April 26, 2024
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मनरेगा योजना अन्तर्गत सोशल आडिट के लंबित प्रकरणों का निस्तारण करने का निर्देश

कानपुर देहातः जन सामना ब्यूरो। मनरेगा योजना अन्तर्गत कार्यो को पादर्शिता एवं गुणवत्ता के साथ ही युद्धस्तर पर पूरा करने के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि सोशल आडिट के सहित मनरेगा योजना अन्तर्गत कराये गये कार्यो के सोशल आडिट पाये गये त्रुटियों/कमियों के अनिस्तारित प्रकरणों को नियमानुसार निस्तारण कराकर उसके आख्या शीघ्रता शीघ्र मुहैया करायें। जिओ मनरेगा लेबर बजट तैयार कराये जाने हेतु महात्मागांधी मनरेगा जिला स्तरीय प्रकोष्ठ द्वारा दी गयीं जानकारियों के अनुरूप कार्य करें तथा मनरेगा योजना अन्तर्गत गुड गर्वेन्स यथा सिटीजन इनफार्मेशन डिस्प्ले बोर्ड, जाब कार्ड बेरीफिकेशन, 7 रजिस्टर, केस रिकार्ड/ वर्क फाइल पर विशेष ध्यान दे तथा राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 को भली भांति जान कर उसको अमल में ला कर मनरेगा संबंधित कार्यो को युद्धस्तर पर पूरा करें।
विकास भवन के कक्ष में उपश्रम रोजगार मनरेगा/संयुक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक डीसी मनरेगा पीएन दीक्षित ने यह निर्देश ग्राम पंचायत अधिकारी/ग्राम विकास अधिकारी तथा ग्राम प्रधानों की आयोजित बैठक में दिये। उन्होंने कहा कि मनरेगा की धारा – 14 की उप धारा – 6 में दी गयी व्यवस्था के अनुसार वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए श्रम बजट निर्धारण हेतु निर्देशां का पालन करना जरूरी है। अधिनियम 2005 की धारा- 14 की उप धारा -6 के अनुसार डीएम/जिला कार्यक्रम समन्वयक द्वारा प्रत्येक वर्ष के माह दिसंबर व आगामी वर्ष के लिए जनपद में अकुशल श्रम की मांग, आवश्यकता के अनुरूप कार्यो का चिन्हांकन एवं मनरेगा श्रमिकों की मांग के अनुरूप कार्यक्रम किये जाने हेतु श्रम बजट निर्धारण करके कार्यो को पूरा करने का दायित्व दिया गया है, जिसको भली भांति जानना जरूरी है।
डीसी मनरेगा पीएन दीक्षित ने कहा कि मनरेगा की धारा 16 (1) के अनुसार ग्राम पंचायतों का दायित्व है कि वे ग्राम सभा के अनुमोदन से ग्राम पंचायत में कराये जाने वाले कार्य का चिन्हांकन करे। श्रम बजट निर्धारण में जन सामान्य की पूर्व सहभागिता सुनिश्चित की जानी चाहिए। मास्टर सर्कुलर के प्रस्तर 6.3 के अनुसार ग्राम पंचायत रख अन्य कार्यदायी संस्थाओं द्वारा कराये जाने वाले कार्यो का अपेक्षित विवरण उल्लेख करते हुए, ग्राम सभा के सम्मुख अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया जाये, नियमानुसार क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत अनुमोदित कराया जाये। ग्राम पंचायत का रोतफ आय प्रोजेक्ट, ग्राम पंचायत की श्रम की मांग का कम से कम दो दुना होना चाहिए, श्रम बजट निर्धारण की प्रक्रिया 2 अक्टूबर से प्रारंभ जो जायेगी। एक से 15 अक्टूबर के मध्य स्वच्छता पखवाडा कार्यक्रम का आयोजन का निर्देश भी है। पखवाडे के अन्तर्गत कराये जा रहे क्रिया कलापो के माध्यम से सुनिश्चित किया जाना चाहिए। श्रम बजट निर्धारण की प्रक्रिया में ग्रामसभा की बैठक में जनसहभागिता हो एवं हितधारकों का सहयोग है। उन्होंने कहा कि श्रम बजट में अजीविका सर्वधन से संबंधित परि सम्पत्तियों से सृजन पर बल दिया जाना चाहिए। जिओ मनरेगा फेस-2 नवंबर से पूरे देश में लागू हो गयी है। जिओ मनरेगा का प्रथम फेस के आधे अधूरे कार्य शीघ्र पूरे कर ले। डीसी मनरेगा पीएन दीक्षित ने कहा कि 153 तरीके के मनरेगा में अनुमन्यन कार्य है जिनमें प्राकृतिक संसाधन से संबंधित कार्य है। मनरेगा एवं लाइन विभागों के मध्य कन्वर्जेन्स से कराये जाने वाले कार्यो यथा आईडब्लूएमपी,पीएमकेएसवाई वन, उद्यान, बाल विकास एवं पुष्टाहार, पंचायतीराज, सिचाई, लघु सिचाई, मत्स्य, खेल कूद एवं युवा कल्याण, रेशम इत्यादि विभागों के कार्यो पर चर्चा कर ग्राम सभा से अनुमोदन लिया जा सकता है। श्रम बजट का प्रस्तुतिकरण में गणना के अनुसार अथवा उससे अधिक का श्रम बजट निर्धारण की कार्यवाही भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। कृषि को बढ़ावा देने वाले कार्य एवं टिकाऊ परि संपत्तियों को सृजन बल देने वाले कार्य परती भूमि बंजर भूमि का विकास, फार्म पाण्ड, उद्यान कृषि, रेशम कृषि, पौध रोपण, कृषि वानिकी, कुटकुट आश्रम, बकरी आश्रय, सुकर आश्रम, पशु आश्रम, चारा द्रोणिका, मत्स्य पालन से संबंधित अवसंरचना, नेडप/वर्मी कम्पोस्ट, सोकपिट निर्माण इत्यादि मुख्य कार्यो को भी बल दिये जाने की जरूरत है। इस मौके पर जिओ मनरेगा फेस-2 सहित अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा हुयी। महिलाओं की सहभागिता पर नियमानुसार विशेष ध्यान दे।