Thursday, April 25, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » डीजे व बैण्ड संचालक दर दर भटकने को हुये मजबूर

डीजे व बैण्ड संचालक दर दर भटकने को हुये मजबूर

शादी विवाह समारोह को यादगार बनाने के लिये बाजे गाजे की पुरानी प्रथा अब सरकार को प्रदूषण लगने लगी है।
कानपुर नगर, जन सामना संवाददाता। डीजे बैण्ड पर पाबंदी लगाने के लिये हाईकोर्ट के शासनादेश के बाद बैण्ड संचालको की आर्थिक स्थिति बद से बद्तर करने के लिये सरकार ने पहल कर दी है जहॉ इस सरकार का नारा है, गरीबी नही गरीबों को खत्म करने का है जिस पर सरकार बहुत तेजी से काम भी कर रही है सरकार के इस फैसले के विरोध पर रविवार को कानपुर में पूरे प्रदेश से डीजे, बैण्ड, साउन्ड संचालक का एक दल कानपुर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश चन्द्र कुण्डे के नेतृत्व में सैकडो बैंण्ड व डीजे संचालक उत्तर प्रदेश के मंत्री सतीश महाना के निवास पर ज्ञापन देने पहुंचे। जहॉ मंत्री सतीश महाना के न मिलने पर लोगों को निराशा हाथ लगी वही उनके कार्यालय में उपस्थित राकेश तिवारी तथा बी. डी. राय को ज्ञापन सौंपते हुये अपनी गुहार लगायी जानकारी करने पर रमेश चन्द्र कुन्डे ने बताया कि उच्च न्यायालय का नियम है कि रात्रि दस बजे के बाद किसी भी प्रकार का ध्वनि प्रदुषण नही होना चाहिये। जिस आदेश का सभी संचालक कडे़ नियमों से पालन करने को तैयार है। वही आदेशानुसार रात 10 बजे डी जे व बैण्ड बंद भी कर दिया जाता है इसके बावजूद हमे परेशान किया जा रहा है और परमीशन के लिए बाध्य किया जा रहा है। रमेश चन्द्र कुन्डे ने बताया कि वैसे भी साल में कुछ ही दिन सहालग के होते है। ऐसे में परमीशन के चक्कर में लोग बुकिंग कैंसिल कर रहे है और उन्हे बयाना रूपी रकम वापस करनी पड़ रही है। जिसकी शिकायत कई बार जिलाधिकारी से लेकर विधायकों तक सुनाई जा चुकी है पर इस ओर कोई भी ध्यान देने को तैयार नही है। ना ही कोई सुनवाई नही हुई। वही लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री जी से भी ज्ञापन के माध्यम से अनुरोघ किया कि समय रहते बैण्ड संचालको के परिवार का दर्द समझे, व किसी अनहोनी होने से बचाये साल में तीस चालीस दिन काम कर बच्चों की पढाई व खाना खर्चा बड़ी मुशकिल से चलता है उस पर भी सरकार ने अपनी नजरे टेढ़ी कर रखी है। लाखों परिवार की सुध लेने के बजाये सरकार कांन में तेल डाल कर बैठी है। एसोसिएशन के अध्यक्ष के साथ साथ सैकडो संचालको ने कहा की सरकार उनकी आर्थिक स्थिति को जाने और उन्हे बैण्ड बजाने का परमीशन किसी भी एक प्रशासनिक अधिकारी या एससीएम आफिस या थाना क्षेत्र से दिलायी जाये साथ ही परमीशन पूरे सीजन या एक एक महीने की दी जाये। जिससे रोज रोज चक्कर न लगाने पडे़ वही एसोसिएशन के सभी डी जे व बैण्ड संचालको ने वादा करते हुये कहा कि वह उच्च न्यायालय के शासनादेश को ध्यान में रखते हुये डी जे व बैण्ड की ध्वनि व समय को सीमित रखेंगे। इस अवसर पर राजेश गुप्ता, अध्यक्ष रमेश चन्द्र कुण्डे, किशोर कटारिया, रोजन्द्र कलसे, बाबू लाल, मोहन खरे, रजाबाबू भारती, सागर भारती आदि मौजूद रहे।