Friday, March 29, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » महापुरुषों चरण नहीं आचरण पकड़ो राजूगिरी महाराज

महापुरुषों चरण नहीं आचरण पकड़ो राजूगिरी महाराज

2016-12-13-04-ravijansaamna
राजूगिरी महाराज

सासनी, जन सामना संवाददाता। महापुरुषों को पूजने से ही कुछ नहीं होता बल्कि उनसे प्रेरणा भी ली जानी चाहिए। क्योंकि वास्तविकता में महापुरुषों का जीवन वंदना के लिए नहीं कुछ बनने के लिए प्रेरणा देता है। जबसे समाज ने महापुरुषों से पवित्र, मर्यादित, अनुशासित और शुचितापूर्ण जीवन की प्रेरणा लेने की वजाय उन्हें पूजना प्रारंभ कर दिया, तबसे पुजारी तो कई बन गये पर कोई पूज्य ना बन सका। गुरुवार को यह विचार रुदायन जसराना मार्ग स्थित भट्टा वाले श्री हनुमान भगवान शनि मंदिर परिसर में हुए सत्संग के दौरान महंत श्री राजूगिरी महाराज ने प्रकट किए। उन्होंने कहा कि जिसके संग से हमारा मोह भंग हो जाए और कृष्ण प्रेम का रंग चढ़ जाए, वही तो संत है। महापुरुषों के चरण नहीं उनका आचरण पकड़ो जिससे हमारा आचरण स्वच्छ और उच्च बन सके, देहालय शिवालय बन सके। किसी भी वक्ता को नही बल्कि उसके वक्तव्य पकडना चाहिए, नहीं तो व्यक्ति पूजा शुरू हो जाएगी जीवन में बुराई अवश्य हो सकती है मगर जीवन बुरा कदापि नहीं हो सकता। बिना संघर्ष पथ के इस लक्ष्य तक पहुंचना असंभव है आज प्रत्येक घर में ईष्र्या संघर्ष, दु:ख और अशांति का जो वातावरण है उसका कारण प्रेम का अभाव है आग को आग नहीं बुझाती पानी बुझाता है। प्रेम से दुनिया को तो क्या दुनिया बनाने वाले तक को जीता जा सकता है। गलती करना कोई बुरी बात नहीं, एक गलती को बार-बार करना बुरी बात है। कोई भी गलती आप दो बार नहीं कर सकते, अगर आप गलती दोहराते हैं तो फिर यह गलती नहीं आपकी इच्छा है। इस दौरान गोविंद प्रसाद, शत्रुघ्न वशिष्ठ, मनोज वाष्र्णेय, हरीश कुमार, अतुल उपाध्याय, अनिल उपाध्याय, सुनील कुमार, श्रवण कुमार पाठक, अनिल उपाध्याय, मुकेश उपाध्याय, अमित शर्मा, बलभद्र शर्मा, प्रमोद शर्मा, नवीन माहेश्वरी, राजकुमार शर्मा, प्रशांत पाठक, आनंद पाठक, राजेश शर्मा, सुरेश चंद्र शर्मा, रवि शर्मा, त्रिलोकी शर्मा, आदि मौजूद थे।