Monday, May 6, 2024
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सफाई कर्मियों ने सीखीं ट्रिगरिंग की बारीकियाॅं

खुले में शौच एक राष्ट्रीय समस्या, हर हाल में रोकेंगे यह दुष्प्रथा-सीडीओ
2016-12-16-01-ravijansaamnaकानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। समुदाय संचालित सम्पूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम (सीएलटीएस) के अन्तर्गत विकासभवन के आॅडिटोरियम हाॅल में सफाई कर्मियों को तीसरे दिन भी गांवों को ओडीएफ बनाने की बारीकियाॅं सिखाईं। कार्यक्रम में उपस्थित सफाई कर्मियों को सम्बोधित करते हुए मुख्य विकास अधिकारी के0के0 गुप्त ने कहा कि ग्रामों में भ्रमण कर खुले में शौच जाने वालों को सफाईकर्मी खुले में शौच न करने को कहें। सुबह तथा शाम के समय शौच करते महिलाओं व पुरूषों को बेधड़क होकर रोकें तथा उनसे खुले में शौच करने को लेकर इससे होने वाली बीमारियों के बारे में बतायें। उन्हें विधिवत् तरीके से यह अवगत कराएं कि बाहर किया गया मल किसी न किसी रूप में इन्सान में खानपान तक पहुंचता है। सफाईकर्मी अपने कार्यों के माध्यम से जनपद को ओडीएफ करने में आगे आएं तथा सबसे पहले जनपद को ओडीएफ बनाकर एक नया इतिहास रचें। खुले में शौच करते लोगों को शर्मिन्दा कर उन्हें खुले में शौच जाने से रोकें।
डीपीआरओ अजय कुमार श्रीवास्तव ने उपस्थित सफाई कर्मियों को इस कार्य में पूरे मनोयोग से करने की सीख दी। उन्होंने कहा कि हम सब की यह जिम्मेदारी है कि सम्पूर्ण जनपद जल्द से जल्द ओडीएफ हो सके। जब सम्पूर्ण जनपद ओडीएफ हो जाएगा उस समय हर गांव में स्वच्छ व स्वस्थ्य वातावरण होगा। साफ सुथरी हवा में हर व्यक्ति सांस ले सकेगा, हमारे खान पान में गन्दगी नहीं होगी जिससे बीमारियों से बचाव होगा। उन्होंने बताया कि लगातार प्रशिक्षण इस आशय से ही दिया जा रहा है कि सफाईकर्मी अपने तैनाती ग्राम में जाकर एक-एक करके गांव के लोग इस बात को महसूस करें कि घर में शौचालय बनवाकर प्रयोग करना किस प्रकार फायदेमंद है। जिस दिन यह कार्य पूर्ण होगा तभी सही मायने में हम हरित जनपद का सपना साकार कर सकेंगे।
मास्टर ट्रेनर गौसिया अन्सारी ने उपस्थित सफाई कर्मियों से कहा कि वे जब तक अपने आप में यह बात आत्मसात नहीं करेंगे कि हमें हर हाल में किसी भी व्यक्ति को खुले में शौच जाते देख उसे ऐसा करने से रोकना है। उसके विचारों में आपसी बातचीत के जरिए परिवर्तन लाना है, खुले में शौच जाने के दौरान प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में महिलाओं को शारीरिक शोषण से गुजरना पड़ता है। सैकड़ों लोगों को प्रतिवर्ष खुले में शौच जाने के दौरान जहरीले तथा जंगली जीवों के काटने से मौत का शिकार होना पड़ता है। मुख्य विकास अधिकारी के0के0 गुप्त ने उपस्थित सफाई कर्मियों से कहा कि वे जिन ग्रामों में तैनात हैं वहाॅं पर सुबह व शाम के वक्त अवश्य रूकें। ऐसे स्थानों को चिन्हित करें जहाॅं पर बड़ी संख्या में लोग खुले में शौच करते हैं। निगरानी समिति के सदस्य ऐसे स्थानों पर शौच जाने वाले ग्रामीणों को इस घिनौने कृत्य करने से रोकें। सुबह-शाम अपनी टीम निगरानी कमेटी तथा गांव के प्रबुद्ध व जागरूक लोगों के साथ ऐसे स्थानों पर जाएं पर लोग खुले में शौच करते हैं। बिजनौर से ही आये मास्टर टेªनर सत्येन्द्र कुमार ने कहा कि गांव वालों को इस तरह समझाएं कि उन्हें खुले में शौच जाने से घृणा का भाव पैदा हो। उन्होंने बताया कि गांव के लोगों को समझाकर ही हम इस प्रथा को पूरी तरह से खत्म कर सकते हैं। अपनी बात को इस प्रकार से रखना है कि खुले में शौच जाने वाला उसकी बात को सुनकर शर्म से पानी-पानी हो जाए तथा खुले में शौच न करने का संकल्प ले।