घाटमपुर। लगभग 1 वर्ष से कस्बे के चारों मार्गो में लगने वाले भीषण जाम से स्थानीय जनता वैसे ही परेशान थी। आज फिर एक बार नगर के लोगों के लिए यह जाम अभिशाप साबित हुआ। आज तड़के सुबह करीब 3 बजे जब विद्युत तारों की स्पार्किंग से दुकाने जल रही थी और दुकानदार बेबसी में अपनी छाती पीट रहे थे। सही समय पर पहुंची 100 डायल पुलिस ने फायर ब्रिगेड को घटना से अवगत करा कर तत्काल पहुंचने का अनुरोध किया । घटनास्थल से फायर ब्रिगेड स्टेशन की दूरी मात्र 3 या 3.30 किलोमीटर ही है। लेकिन कस्बे में किसी दुष्ट आत्मा के साए की तरह छाए जाम ने फायर ब्रिगेड की गाड़ी को फंसा लिया और जब फायर ब्रिगेड की गाड़ी घटनास्थल पर पहुंची तब तक 7 दुकाने पूरी तरह बर्बाद हो चुकी थी और उनके मालिक चारों तरफ पागलों की तरह भाग रहे थे और अपनी बर्बादी अपनी आंखों से देख रहे थे । उनके जिंदा मुर्गे मछलियां टायर रेडीमेड के कपड़े परचून का सामान फल फ्रूट आदि चीजें धू-धू कर जल रही थी और उसको बचाने में वह सब आग में रोते हुए झुलस रहे थे। और अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहे थे । मानवता सामाजिकता की बातें करने वाले नेता सामाजिक कार्यकर्ता कहीं दिखाई नहीं पड़ रहे थे। ऐसा कोई भी नहीं दिखा जो बर्बाद हुए लोगों को तसल्ली दे ढाढस बधाएं या उन्हें कहीं से मदद दिलाने का भरोसा ही दे। कस्बे में तैनात अधिकारी कर्मचारी शाम होने से पहले ही शहर प्रेम के चलते शहरों की ओर कूच कर जाते हैं और स्थानीय क्षेत्र की जनता भगवान भरोसे रहती है। मुसीबत पड़ने पर भगवान को याद कर मदद की पुकार लगाती है। चाहे तहसील प्रशासन हो चाहे अन्य विभाग या बैंक या कोई भी कार्यालय सभी शहर प्रेम के चलते कस्बे में निर्धारित समय के बाद आते हैं। और निर्धारित समय के पहले ही यहां से कूच कर जाते हैं।