Thursday, March 28, 2024
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निजी स्कूलों की मनमानी रोकने की मांग कर किया प्रदर्शन

कानपुरः जन सामना ब्यूरो। मानवाधिकार सुरक्षा एवं संरक्षण आर्गेनाइजेशन के बैनर तले आज नंदगांव फूल बाग में निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय शुल्क का विनियमन विधेयक 2017 को सरकार द्वारा अभी तक पास ना किए जाने के विरोध में एक जनसभा का आयोजन किया गया। संस्था के राष्ट्रीय महामंत्री तपन अग्निहोत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि निजी स्कूलों की मनमानी इतनी बढ़ गई है कि वह खुलेआम अभिभावकों का शोषण करने के लिए उतारू हो गए हैं। संस्था ने पूर्व में 22 अप्रैल 2017 को नाना राव पार्क से ही निजी स्कूलों की मनमानी के विरोध में शांति मार्च जिलाधिकारी कार्यालय तक निकाल कर मुख्यमंत्री महोदय जी को निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए कानून बनाने के लिए मांग की थी सरकार द्वारा कोई प्रतिक्रिया ना मिलने पर संस्था ने पुनः 19 जुलाई से 22 सितंबर तक संपूर्ण उत्तर प्रदेश में हस्ताक्षर अभियान चलाकर अभिभावकों का समर्थन प्राप्त किया था और 23 सितंबर को सरसैया घाट चौराहे से जिलाधिकारी कार्यालय तक हस्ताक्षरयुक्त बैनरों के साथ मानव श्रृंखला बनाकर 786 फीट का लंबा बैनर मुख्यमंत्री महोदय को ज्ञापन शुरू सौंपा था। इसके बाद सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय शुल्क का विनियमन विधेयक 2017 तैयार किया एवं जनता की राय मांगी। उसके बाद सरकार ने अभी तक यह विधेयक पास नहीं किया। सरकार की मंशा जानबूझकर विधायक पास ना करने की थी क्योंकि सरकार अपने मंत्री और विधायकों के दबाव में इसे पास नहीं कर पा रही है क्योंकि ज्यादातर स्कूल इन्हीं नेताओं के होते हैं चाहे वह प्रत्यक्ष रुप से हो या परोक्ष रूप से है।
सरकार की निष्क्रियता को देखते हुए संस्था ने 25 फरवरी से उत्तर प्रदेश के सभी विधायकों को ज्ञापन सौंपकर इस विधेयक को पास करने की मांग की 31 मार्च तक का समय दिया लेकिन सरकार द्वारा इस पर कोई कार्रवाई ना करने की वजह से आज 1 अप्रैल को संस्था ने यहां पर एक जनसभा कर सरकार का विरोध करने की रूपरेखा तैयार की अगले हफ्ते से से निरंतर मई तक सरकार का विरोध किया जाएगा। संस्था ने अपने आंदोलन का यह चौथा चरण चलाया है और अभिभावकों से वादा किया है जब तक सरकार निजी स्कूलों पर अंकुश लगाने के विधेयक को पास कर प्रदेश में लागू नहीं कर जाती संस्था यूं ही अपना विरोध विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से दर्ज कर विरोध करती रहेगी आगे आने वाले चुनाव में इस मुद्दे को अहम रूप से उठाकर सरकार का विरोध करेगी क्योंकि सरकार का रवैया अभिभावकों के प्रति उदासीन है और निजी स्कूलों के मालिकों के प्रति उदार है। स्कूल द्वारा मासिक शुल्क में प्रत्येक वर्ष बिना किसी मानक के वृद्धि कर एवं इसके अतिरिक्त अन्य शुल्क जैसे प्रवेश शुल्क भवन मेंटेनेंस शुल्क पुस्तकालय शुल्क कंप्यूटर शुल्क क्रीड़ा शुल्क परीक्षा शुल्क । स्कूल तीन-तीन महीने का एडवांस फीस लेते हैं उसमें भी अब देने में लेट हो जाओ तो भारी भरकम पेनाल्टी झेलनी पड़ती है। बहुत ही स्कूलों में हर साल एडमिशन फीस ली जाती है नवमी और ग्यारहवीं में पुना एडमिशन फीस ली जाती है जो बिल्कुल गलत है कॉपी किताब और ड्रेस की कमीशनखोरी किसी से छिपी नहीं है। ऐसा डांस स्कूल 20-20 लाख रुपए कमीशन लेता है इस बार किताबें स्कूल में ना बेच कर दुकानदार की दुकानों में स्कूल के बच्चों की लिस्ट पहले से ही पहुंच गई है। यह भ्रष्टाचार कमीशनखोरी नहीं तो और क्या है। स्कूल जिस हिसाब से फीस लेते हैं उसके 10 प्रतिशत भी पढ़ाई स्कूलों में नहीं है ना ही पढ़ाई की गुणवत्ता है ना ही अध्यापकों में गुणवत्ता है। 40 रुपये कीमत वाला रजिस्टर स्कूल का नाम छपने के बाद 75 से 80 रुपये में स्कूल बेचता है। इतना सब होने के बाद भी सरकार द्वारा आंखें मूंद कर बैठे रहने का मतलब समझ से परे है। इस अवसर पर गुलाब सिंह चंदेल, रामू प्रजापति, संजय गौतम, संजय सोनी, आलोक कुमार, विनोद वर्मा, सुरेश सिंह, विजय निगम, दीपक राणा, प्रतीक खन्ना, पवन पाल, आदित्य मिश्रा, आशीष पांडे, अंकिता, सोना, नीतू गुरुंग, पूनम वर्मा, यशोदा, रत्नेश शुक्ला, योगेश अग्निहोत्री, उमेश तिवारी, शैलेंद्र वर्मा, अमित गुप्ता, घनश्याम सिंह, अशोक सिंह, प्रशांत शुक्ला, सत्येंद्र सिंह, ज्योति अग्निहोत्री, तरुण शर्मा, कुमार उज्जवल, अभिषेक बासनी, अतुल शिवहरे, लालता प्रसाद द्विवेदी, अरुण कुमार, अतुल कुमार, शकील अहमद, आशीष सिंह चौहान, सत्यनारायण, अशोक यादव, सिमरन साहू, शिवम साहू, शशिप्रभा शुक्ला, अलका यादव, गुरमीत सिंह, हरभजन भट्टी, वीके मिश्रा , अनुराग सिंह, देवा पैंथर, समीर, अंकित, गोविंद, दीक्षित, राजेश त्रिपाठी, वीरेंद्र दीक्षित, विनीत शुक्ला, शिवाकांत शुक्ला, अमित दीक्षित मौजूद रहे।