Sunday, April 28, 2024
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भ्रष्टाचार के आरोप के बाद तहसील अधिवक्ता हड़ताल पर

घाटमपुर कानपुर, शिराजी। स्थानीय अधिवक्ताओं ने तहसील न्यायालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ जमकर नारेबाजी के बाद जिलाधिकारी को संबोधित 16 सूत्री ज्ञापन उपजिलाधिकारी मीनू राणा को सौंपा। अधिवक्ताओं ने भ्रष्टाचार खत्म ना होने तक तहसील न्यायालयों में हड़ताल का ऐलान किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार घाटमपुर बार एसोसिएशन अध्यक्ष श्याम बाबू सचान के नेतृत्व में स्थानीय अधिवक्ताओं ने कचहरी कैंपस से तहसील कैंपस तक जुलूस निकालकर तहसील न्यायालयों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर जमकर नारेबाजी की उप जिला अधिकारी चेंबर पहुंचे अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी को संबोधित 16 सूत्री ज्ञापन एसडीएम मीनू राणा को सौंपा जिसमें तहसील घाटमपुर में नामांतरण वादों में नामांतरण अधिकारियों तहसीलदार व नायब तहसीलदार द्वारा वादकारियों से अवैध रूप से मनमाना धन वसूल किए जाने। चकबंदी से वापस आए गांवों के छूटे हुए नामांतरण, भूखंडों के नामांतरण दान पत्रों व सशर्त विक्रय पत्रो आदि के नामांतरणों में नामांतरण अधिकारी, वादकारियों व अधिवक्ताओं के प्रति खराब व्यवहार अन आपेक्षित धन वसूली, वाद कार्यों व अधिवक्ताओं को अनावश्यक रूप से परेशान करने अनुकूल आख्या के लिए लेखपालों व राजस्व निरीक्षकों से लेकर सक्षम अधिकारी तक द्वारा उनसे अवैध वसूली किए जाने भूअभिलेखी त्रुटियों के संशोधन हेतु रजिस्टार कानूनगो की आज्ञा पर्याप्त होती है किंतु अनावश्यक रूप से उन से राजस्व निरीक्षकों व लेखपालों की आख्या मांगी जाती है जो अवैध वसूली का कारण बनता है। मृतक खातेदारों के उत्तराधिकारीयों के नामांतरण में लेखपाल व राजस्व निरीक्षको द्वारा मनमानी वसूली करने। पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र के लिए लेखपाल व राजस्व निरीक्षको द्वारा वसूली किए जाने, कृषि भूमि के आवासी प्रयोजन की घोषणा करवाए जाने हेतु आवेदन पर अवैध धन की भारी मांग किए जाने, दाखिल दफ्तर पत्रावलीओं को उपलब्ध कराने के लिए गलत ढंग से सुविधा शुल्क वसूले जाने आदि शिकायतें ज्ञापन में की गई हैं। अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री व राजस्व परिषद के प्रमुख सचिव व आयुक्त कानपुर को भी ऑनलाइन ज्ञापन भेजा है। इस मौके पर प्रमुख रूप से बार एसोसिएशन अध्यक्ष श्याम बाबू सचान, वरिष्ठ अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह, हरिओम सिंह, उजियारी लाल यादव, अरुणेंद्र सिंह, यदुनाथ सिंह, अनूप तिवारी, सीताराम, आशुतोष सचान, राजेश सोनकर, मेवालाल, रघुराज सिंह, शशीकांत, राजकुमार शर्मा, राज प्रकाश सचान आदि दर्जनों अधिवक्ता मौजूद रहे।