कानपुरः जन सामना संवाददाता। बिल्हौर कस्बे में जीटी रोड के किनारे स्थित प्रभा सनराइज एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के छात्र-छात्राओं ने रन फॉर यूनिटी ष्रैली निकालकर बड़े हर्षोल्लास के साथ सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती मनाई। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यवाह व कन्नौज इंटर कॉलेज के सेवानिवृत्त शिक्षक माननीय राम नरेश यादव ने छात्रों को संबोधित किया और सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला । सरदार वल्लभ भाई पटेल कौन थे ? और भारतीय लोकतंत्र में उनका क्या योगदान रहा? उन्होंने बताया साम,दाम,दंड,भेद के समुचित प्रदर्शन करने के कारण ही पटेल को लौह पुरुष का सम्मानजनक दर्जा भी दिया गया था कांग्रेस पार्टी की राजनीति में नेहरू से उनकी नोकझोंक होती थी। 1929 में लाहौर कांग्रेस अधिवेशन में अध्यक्ष बनने की दावेदारी को उन्हें गांधी जी के आग्रह पर वापस लेना पड़ा, लेकिन 1931 में कांग्रेस के कराची अधिवेशन के अध्यक्ष चुने गए । नेहरू और उनके विचारों में राजनीतिक मतभेद था और कई बार स्वयं गांधी को मध्यस्थता करनी पड़ी थी। उन्होंने कहा सरदार एक जमीनी नेता थे और अनुशासनात्मक कार्यवाही पर उनकी पकड़ प्रखर थी, ऐसे मे यह जउचित है कि उन्हें इतिहास में वाजिब सम्मान मिले। स्वतंत्र भारत के इतिहास और राजनीति पर नेहरू-गांधी परिवार के वर्चस्व के चलते पटेल को दरकिनार कर दिया गया। सरदार पटेल निष्ठा और ईमानदारी के पर्याय रहे। किसान पुत्र होते हुये उन्होंने बारदोली सत्याग्रह के दौरान अगली कतार से नेतृत्व किया। श्रमिक वर्ग उनमें आशा की किरण देखता था । इस अवसर पर इंस्टीट्यूट के प्रबंधक राजू कटियार,प्रधानाचार्य मनोज दिक्षित, पूर्व जिला अध्यक्ष मा. रामशरण कटियार,राम सहाय डिग्री कालेज के प्रबंधक कैलाश नारायण कटियार, आशीष बाजपेई, शरद मिश्रा, रोहित, राहुल पांडे, दिव्य प्रकाश, संजीत कटियार, पंकज, अनुज द्विवेदी एवं पूरा स्टाफ मौजूद रहा।