Saturday, May 4, 2024
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उप कृषि निदेशक का परिवार पांच दिन से रैन बसेरे में

रैन बसेरा में मौजूद डीडी कृषि का परिवार

आईएएस बनना चाहती है बेटी, आरोप पिता नहीं पूरा होने दे रहा सपना
मेरी हत्या करवा कर मृतक आश्रित नौकरी पाने का है षडयंत्र-हंसराज
फिरोजाबाद, एस. के. चित्तौड़ी। सुहागनगरी में पिछले पांच दिनों से सुभाष तिराहा स्थित रैन बसेरे में फिरोजाबाद के उप कृषि निदेशक हंसराज का परिवार अपने दिन व्यतीत कर रहा है। आज सुबह जब इस बारे में वहां पहुंची मीडिया ने जानकारी की तो मामला सुन सभी दंग रह गये। दरअसल यह परिवार न्याय के लिये संघर्ष कर रहा है। आरोप है कि उप कृषि निदेशक द्वारा इन्हें गुजर बसर को गुजारा भत्ता नहीं दिया जा रहा है जिसके बारे में डीएम के हस्तक्षेप के बाद में कहा गया था। अब ऐसे में कैसे हो बच्चों की पढ़ाई पूरी?। मामले की जब पूरी जानकारी की गयी तो बताया गया कि जिला आजमगढ़ के थाना दीदारगंज तहसील माहौनगंज के ग्राम पकरौल निवासी गायत्री देवी, उनकी बेटी सीमा गौतम, बेटा विजय सिंह, विशाल देव सिंह, बेटी सुकन्या सागर 19 नवम्बर 2018 को फिरोजाबाद आये। यहां गायत्री देवी के पति जिला मुख्यालय स्थित विकास भवन में उप कृषि निदेशक के पद पर हैं। गायत्री देवी के अनुसार उनके पति ने कई साल पहले उन्हें व उनके परिवार को छोड़ दूसरी महिला को रख लिया। ऐसे में जब कई माह पूर्व डीएम नेहा शर्मा के हस्तक्षेप के बाद फैसला हुआ तो तीस हजार रूपये महीना गुजारा भत्ता देना तय हुआ लेकिन अब वह भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में बेटियों की पढ़ाई घर का खर्चा नहीं चल पा रहा है उसी न्याय के लिये फिर फिरोजाबाद आये हैं। बेटी सीमा गौतम ने बताया कि वह पढ़ लिख कर आईएएस बनना चाहती है लेकिन उसके पिता उसके सपनों को पूरा नहीं होने दे रहे हैं, अब जब कोई मदद नहीं मिल रही, हमें गुजारा भत्ता नहीं मिल रहा, बहन भी बीमार हो गयी थी ऐसे में कहां जायें किससे मदद मांगे। समाजसेवी केडी जाटव, शिवसेना जिला प्रमुख पं. राजीव शर्मा, भाजपाई हिमांशु अग्रवाल ने कहा कि हम इस परिवार को न्याय दिलायेंगे और उक्त अधिकारी जिसने डीएम के आदेशों का भी पालन नहीं किया उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। इस बारे में फिरोजाबाद के उप कृषि निदेशक हंसराज ने बताया कि वे दो साल में चार लाख रूपये दे चुके। तीन लाख ललितपुर में, एक लाख फिरोजाबाद में, सबकी पर्चियां हैं मेरे पास। दूसरा गुजारा भत्ता का एक तरफा आर्डर हुआ था सन 2010 से लागू कर दिया गया था पुनः सुनवाई में रोका गया है। उनकी हत्या करवायी जा सकती है और फिर मृतक आश्रित नौकरी पाने का षडयंत्र रचा जा रहा है। वे मटसैना थाने में दो तीन महीने पहले तहरीर भी दे चुके हैं और फिर सारा मामला न्यायालय में विचाराधीन है। केडी जाटव नाम का व्यक्ति मामले को तूल दे रहा है सब ब्लैकमेलिंग का मामला है।