Saturday, April 20, 2024
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नगर भ्रमण से गौतम बुद्ध को वैराग्य पैदा हो गया था

हाथरस, जन सामना ब्यूरो। हतीसा भगवन्तपुर संस्कार सिटी कालौनी के सामने नारायण साकार हरि का मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम का आयोजन हुआ। जिसमें नारायण साकार हरि ने पूर्व वेद शास्त्रों का जिक्र करते हुये गौतम बुद्ध के जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुये कहा कि गौतम बुद्ध एक राजा के बेटे थे, जिनकी बचपन से लेकर युवावस्था तक हर प्रकार की व्यवस्था राजमहल में ही पूरी हुई। कभी राजमहल से बाहर नहीं जाने दिया। अचानक गौतम बुद्ध को विचार आया और अपने पिताजी से बोले कि मैं नगर भ्रमण करना चाहता हूं। राजा ने गौतम बुद्ध के लिये नगर भ्रमण करने के लिये पूरी तैयारी की। गौतम बुद्ध रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण के लिये निकले तो रास्ते में एक बुजुर्ग आदमी लाठी टेक-टेक कर चल रहा था। गौतम बुद्ध ने सारथी से कहा कि ये क्या है। तो सारथी ने जबाव दिया कि राजन पहले इसका जन्म हुआ, जवानी आयी, आज इस पर बुढ़ापा है। ये सबके साथ होता है। फिर थोड़ा और आगे चले तो देखा चार आदमी कन्धे पर एक लाश को ले जा रहे हैं और बोल रहे हैं राम-राम सत्य है, सत्य बोले मुक्ति है। तब गौतम बुद्ध ने पूछा कि ये क्या है। तब सारथी ने जबाव दिया कि पहले इसका जन्म हुआ, जवानी आयी, बुढ़ापा आया, अब इसकी मृत्यु हो गई, अब इसको शमशान में जलाने ले जा रहे हैं। ये सबके साथ होता है। उसी समय गौतम बुद्ध को सौ प्रतिशत वैराग्य सवार हुआ और सारथी से बोले रथ वापस करो। राजमहल में किसी को नहीं बताया और रातों रात सीधे जंगल में चले गये, हरि की भक्ति करने के लिये गौतम बुद्ध शंकरजी जिनकी समाधि में रहते थे वही तो नारायण साकार हरि परमात्मा हैं। आज वही हरि परमात्मा मानव शरीर में प्रकट होकर मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम में दर्शन दे रहे हैं और उनके समक्ष आये समस्त जनमानस को अमर संदेश देकर उनका जीवन धन्य बना रहे हैं। इसीलिये इस मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम में किसी भी प्रकार की फूलबत्ती, अगरबत्ती, किसी धन, वस्तु का चढ़ावा नहीं होता है।