Friday, April 26, 2024
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खुशी में रहने के लिए ज्ञान रत्नों का चिन्तन करो

हाथरस, नीरज चक्रपाणि। जैसा सोचेंगे वैसा बनेंगे। खुशी की बातें सोचेंगे तो खुशी मिलेगी, पुरानी दुःख की बातें सोचेंगे तो दुःख मिलेगा। बुद्धि ज्ञानरत्नों से भरपूर रहे, ज्ञानदान होता रहे तो खुशी रहेगी। जिसे ज्ञान रत्नों का नशा हो जाता है उसे खुश रहने के लिए किसी नशे की जरूरत नहीं पड़ती। जनवरी माह ब्रह्मा बाबा का अव्यक्त माह है। इस पूरे माह को तपस्या माह और अखण्ड राजयोग साधना माह के रूप में मनाया जायेगा। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के अलीगढ़ रोड स्थित, आनन्दपुरी कालोनी के सहज राजयोग प्रशिक्षण केन्द्र पर प्रातःकालीन राजयोग कक्षा में सम्बोधित करते हुए केन्द्र प्रभारी बीके शान्ता बहिन ने व्यक्त किये। नव वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम में बालिका नैन्सी ने भावनृत्य ‘‘हम हैं बाबा की परियाँ, परियों का जीवन न्यारा’’ प्रस्तुत किया। शकुन्तला बहिन ने ‘‘प्यारे शिव बाबा तेरी वन्दना उचारूँ’’ गीत गाया।  बीके शान्ता बहिन ने परमपिता परमात्मा के महावाक्यों को स्पष्ट करते हुए कहा कि रचना और रचियता का ज्ञान जो स्वयं परमात्मा शिव ने स्पष्ट किया है वह श्रीमद् भगवद गीता के अनुसार ऋषि, मुनि भी नहीं जानते थे। परमात्मा स्वयं ही आकर स्वयं का परिचय देते हैं इसलिए वे स्वयंभू कहलाते हैं। वही आदि-मध्य-अन्त यानि अगम, निगम के भेद बताते हैं। इस अवसर पर बीके दुर्गेश का अलौकिक जन्मदिन भी मनाया गया।  इस अवसर पर बीके कैप्टन अहसान सिंह, पूर्व सहकोषाधिकारी दाऊदयाल अग्रवाल, ओम प्रकाश शर्मा, सुरेश कुमार, मनोज कुमार, केशवदेव, विक्रमसिंह एड., उर्मिला बहिन, चन्द्रपाल शर्मा, राजेश शर्मा, मनोज कुमार, रमा, वन्दना, गजेन्द्र कुमार, रामेश्वर दयाल, प्रेमसिंह, रामप्रसाद, सरोज, वेदवती, राधा गावर, दीपा ग्रोवर, मालती, सर्वेश, सन्ध्या अग्रवाल, राकेश अग्रवाल आदि उपस्थित थे।