Friday, April 26, 2024
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सौभाग्य योजना की स्थिति के बारे में मांगी जानकारी

हाथरस, नीरज चक्रपाणि। सांसद राजेश कुमार दिवाकर ने लोकसभा में विद्युत मंत्रालय से विद्युत वितरण कम्पनियों को पुरूस्कार से सम्बन्धित जानकारी मांगी। सांसद ने विदेश मंत्री से पूछा है कि सौभाग्य योजना की वर्तमान प्रगति क्या है, किन राज्यों में 100 प्रतिशत घरेलू विद्युतीकरण के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है और कितने राज्य उक्त लक्ष्य को प्राप्त करने में विफल रहे। क्या सरकार ने उन राज्यों के लिये जो उक्त लक्ष्य को प्राप्त ही कर पाये हैं, उनके लिये तिथि को बढ़ाकर 31 दिसम्बर 2018 करने की योजना बनाई है और सरकार द्वारा किस अंतिम समय सीमा का सुझाव दिया गया है। क्या सरकार का जिन राज्यों ने 10 प्रतिशत विद्युतीकरण के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है उनकी विद्युत वितरण् कंपनियों/बिजली विभागों को पुरूस्कार देने का प्रस्ताव है।
जानकारी देते हुये विद्युत मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर. के. सिंह ने बताया कि राज्यों द्वारा दी गई सूचना के अनुसार 11 अक्टूबर 2017 को सौभाग्य योजना की शुरूआत से देश में 20 दिसम्बर 2018 तक 2.26 करोड घरों का विद्युतीकरण किया गया है। सौभाग्य में 31 मार्च 2019 तक शेष गैर-विद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण की परिकल्पना की गई है। 20 दिसम्बर 2018 की स्थिति के अनुसार सभी राज्यों की विद्युतीकृत घरों की कुल स्थिति 96.71 प्रतिशत है, जिसमें से उत्तर प्रदेश की विद्युतीकृत घरों की स्थिति 84.90 प्रतिशत है। सरकार ने उन डिस्काॅमों और राज्य कें विभागों के लिये नगद पुरूस्कार शुरू किये हैं, जो प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के अन्तर्गत 30 नवम्बर 2018 तक 100 प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का लक्ष्य हासिल कर लेते हैं। अवार्ड निम्नलिखित तीन श्रेणियों में है। (1) विशेष श्रेणी राज्य के डिस्कोंम/विद्युत विभाग, जिनमें पूर्वोत्तर क्षेत्र के सात राज्य सिक्किम, जम्मू एवं कश्मीर और उत्तराखण्ड शामिल हैं। (2) विशेष श्रेणी राज्यों के अलावा अन्य राज्यों के डिस्कोंम/विद्युत विभाग, जिनमें पाॅच लाख से अधिक गैर-विद्युतीकृत घर हैं। (3) विशेष श्रेणी राज्यों के अलावा अन्य राज्य के डिस्कोंम/विद्युत विभाग, जिनमें पाॅच लाख से कम गैर विद्युतीकृत घर हैं।
विशेष श्रेणी राज्यों के अलावा अन्य राज्य हैं-बिहार, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल। ऐसे राज्य/डिस्काॅम, जो पहले ही लक्ष्य प्राप्त कर चुके हैं, अवार्ड के लिये पात्र नहीं हैं। उर्पयुक्त तीनों श्रेणियों में प्रत्येक में दो पुरूस्कार हैं। 30 नवम्बर 2018 तक 100 प्रतिशत घरों का विद्युतीकरण प्राप्त करने वाले पहले डिस्काॅम/विद्युत विभाग को अवार्ड 50 लाख रूपये की नगद धनराशि दी जायेगी। संबन्धित राज्यों के प्रधान संचिव (ऊर्जा/विद्युत) सम्बन्धित डिस्काॅम/विद्युत विभाग के कर्मचारियों के बीच इस नगद पुरूस्कार को वितरित करने का तंत्र बनाएंगे। इस राशि से 20 लाख रूपये अधिकतम संख्या में घरों का विद्युतीकरण करने वाले डिस्काॅम/विद्युत विभागों के प्रभाग के कर्मचारियों को दिये जायेंगे।
दूसरे पुरूस्कार में 100 करोड़ रूपये की नगद राशि शामिल है। जिसे सम्बन्धित डिस्काॅम/विद्युत विभाग को उनके प्रचालन में वितरण अवसंरचना विकास में खर्च करने के लिये अनुदान के रूप में दिये जायेंगे। राज्य के प्रधान सचिव (ऊर्जा/सचिव) इस राशि से निष्पादित किये जाने वाले कार्य का निर्णय करेंगे।