Sunday, May 5, 2024
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आलू में पछेती झुलसा के प्रकोप से बचाव हेतु कृषक जिनेब पानी में घोलकर करें छिड़काव

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। प्रदेश में गिरते हुए तापमान के साथ-साथ आर्द्रता बढने ंके कारण रबी की फसलों में कीट/रोग के प्रकोप की संभावना बढ़ गयी है। ऐसी दशा में आलू में पछेती झुलसा, तिलहनी फसलों में माहू एवं पाला से फसलों की प्रभावित होने की संभावना है।
यह जानकारी जिला कृषि रक्षा अधिकारी कुलदीप कुमार मिश्रा ने देते हुए बताया कि उक्त के दृष्टिगत रखते हुए जनपद के कृषकों को सूचित किया गया है कि आलू में पछेती झुलसा के प्रकोप से बचाव हेतु कापर आक्सीक्लिोराइड 50 प्रतिशत डब्लूपी 1 किलोग्राम अथवा मोकोजेब 75 प्रतिशत ूच 0ण्8 किग्रा, जिनेब 75 प्रतिशत डब्लूपी 0.8 किग्रा0 को 200-250 ली0 पानी में घोलकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिडकाव करें। तिलहनी फसलों में माहू के प्रकोप की दशा में एजाडिरेक्टीन (नीम आयल) 0.15 प्रतिशत म्ब् 1 लीटर, डाई मेथोएट 30 प्रतिशत ईसी 0.4 ली0 अथवा आक्सीडिमेटान मिथाइल 25 प्रतिशत ईसी 0.4 ली0 तथा गेंहू में पीली गेरूई रोग के प्रकोप से बचाव हेतु प्रोपिकोनाजोल 25 प्रतिशत ईसी 0.2 मि0ली0 की मात्रा 250-300 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड छिडकाव करें।