Friday, April 19, 2024
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शहीदों की स्मृति में 30 जनवरी को दो मिनट का रखा जाये मौन धारण: डीएम

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। शासन के निर्देशों के तहत भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वाले शहीदों की स्मृति में प्रतिवर्ष 30 जनवरी को पूर्वान्ह 11 बजे देश भर में दो मिनट का मौन धारण करने के निर्देश दिये गये है।
उपरोक्त के क्रम में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, प्रशासन, समस्त विभागाध्यक्षों आदि को निर्देश दिये है कि प्रतिवर्ष 30 जनवरी को पूर्वान्ह 11 बजे देश भर में दो मिनट का मौन रखा जाना चाहिए तथा काम और गतिविधियों को रोक दिया जाना चाहिए। जहां उपलब्ध हो, दो मिनट का मौन रखा जाना चाहिए तथा काम और गतिविधियाॅ रोक दी जानी चाहिए। दो मिनट का मौन शुरू होने की सूचना पूर्वान्ह 10ः59 बजे से 11 बजे तक सायरन बजाकर दी जानी चाहिए और फिर दो मिनट बाद 11ः02 से 11ः03 बजे तक पुनः ऑल क्लीयर सायरन बजाये जाने चाहिए। जहां सायरन उपलब्ध हो वहीं यहीं कार्यवाही अपनाई जाये। सिग्नल जहां उपलब्ध हो सुनकर सभी व्यक्ति खडे हो जाये और मौन धारण करें। मौन धारण करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने कमरे में अथवा किसी दूसरे स्थान पर अकेले खडे होने के बजाये सभी व्यक्तियों द्वारा एक ही स्थान पर इकट्ठे खडें होना अधिक प्रभावशाली होगा फिर भी यदि कार्य में अत्यधिक अस्त-व्यवतता होने की आशंका हो तो सब को एक जगह एकत्रित किये जाने के प्रयास करने की आवश्यकता नही है। जिन स्थानों पर सिग्नल की कोई व्यवस्था न हो पूर्वान्ह 11 बजे दो मिनट का मौन धारण करने के लिए सभी सम्बन्धितों को उपयुक्त अनुदेश दिये जा सकते है।
जिलाधिकारी ने बताया कि विगत में यह देखा गया है कि यद्यपि कुछ कार्यालयों में दो मिनट का मौन रखा जाता है परन्तु आमजनता इस अवसर की गंभीरता पर ध्यान दिये बिना समान्य रूप से अपने काम काज में लगी रहती है इस लिए शहीद दिवस पर शहीदों के प्रति श्रृद्धा सम्मान की भावना को जागरूक करते हुए इस श्रृद्धांजलि में जनता के प्रत्येक वर्ग की अधिक से अधिक भागेदारी सुनिश्चित हो। उन्होंने बताया कि शहीद दिवस को गंभीरता पूर्वक तथा उचित रूप से मनाये जाने के लिए सभी शैक्षिक संस्थाओं और सार्वजनिक क्षेत्र के उपकरणों भागेदारी सुनिश्चित करें। इस दिन के महत्व के बारे में भाषण व वार्ताएं आयोजित की जाये जिससे कठिनाई से प्राप्त की गयी स्वतंत्रता की समीक्षा सुरक्षा तथा समृद्धि के प्रति प्रत्येक नागरिक के कर्तव्य और नैतिक दायित्व को इन भाषणों एवं वार्ताओं का विषय बनाया जा सकता है और राष्ट्रीय एकता की भावना के संवर्धन तथा साझा उद्देश्यों और आदेशों के प्रति वचनबद्धता का भी उल्लेख किया जा सकता है। जनपद की क्षेत्रीय प्रचार युनिटे ऐसे कार्यक्रमों और अथवा फिल्मों/कृत चित्रों का आयोजन कर सकती है जिनका मूल विषय भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन स्वतंत्रता संग्राम में शहीदों की भूमिका और राष्ट्रीय एकता हो। जनपद में विभिन्न वाणिज्य और उद्योग संघों भी सुनिश्चित करें कि उनके सदस्य सम्बद्ध एसोसिएशन तथा संगठन शहीद दिवस को उचित रूप से मनायें।