Wednesday, May 1, 2024
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24 मिनट का अभ्यास और सत्संग बचा सकता है तनाव और कैंसर से

हाथरस, नीरज चक्रपाणि। अधिकांशतः कई बार लोग ऐसे उदाहरण देते हैं कि जो कभी सिगरेट नहीं पीते, गुटखा तम्बाकू नहीं खाते उन्हें भी कैंसर हो गया। हांलाकि केवल सिगरेट, गुटखा, तम्बाकू ही कैंसर होने के कारण नहीं हैं। परन्तु भले ही आप सिगरेट नहीं पीते हैं लेकिन सावधान हो जाइये क्योंकि आपके आसपास सिगरेट पीने वालों के छोड़े गये धूँए का असर आपके ऊपर पीने वाले से अधिक होने वाला है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट तो यही कहती नजर आ रही है कि हर साल लगभग 6 लाख लोग सैकेण्ड हैंड स्मोकिंग से अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। जो पदार्थ सामान्य रूप से किसी व्रत, उपवास में और देवताओं पर नहीं चढ़ाते उन्हें प्रकृति की सर्वाधिक बुद्धिमान रचना मनुष्य खाकर अपनी जान जोखिम में डाल रहा है। यह विचार कैंसर दिवस की पूर्व संध्या पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के मैडीकल विंग द्वारा चलाये जा रहे मेरा भारत व्यसन मुक्त भारत अभियान की कोर्डीनेटर बी.के. शान्ता बहिन ने व्यक्त किये।
इस अवसर पर कैंसर की शिकार होकर ठीक हुईं बीके सुशीला ने कहा कि उन्हें भी कैंसर की गाँठ हुई, मैडीकल काॅलेज में इलाज हुआ, फायदा नहीं हो रहा था। घबराहट हो रही थी। लेकिन बीके शान्ता दीदी के आत्मबल भरने से और राजयोग के नियमित अभ्यास से इस पर नियंत्रण हो गया है और अभी मैं ठीक हूँ।
बहिन शान्ता जी ने सुझाव दिया कि 24 घण्टे के पूरे दिन में से कम से कम 24 मिनट भी राजयोग और मानसिक एकाग्रता का अभ्यास और सत्यम् शिवम् सुन्दरम का संग यानि सत्संग जीवन में आने वाली परिस्थितियों से उत्पन्न तनाव को दूर करने में मददगार साबित होता है। यही कारण है कि भारत सहित विश्व के 140 देशों में इस विश्व विद्यालय का नियमित रूप से राजयोग का अभ्यासी किसी भी प्रकार के व्यसन का सहारा नहीं लेता है। युवा अध्यात्म की भ्रान्तियों को त्याग कर क्रान्ति की तरफ बढे़ंगे तभी बहुत से लोगों को कैंसर जैसी भयावह बीमारी से बचा सकेंगे।