Friday, March 29, 2024
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भारतीय नाविकों का रोजगार इस साल बेमिसाल 35 फीसदी बढ़ा

ऑन-बोर्ड प्रशिक्षण के लिए छात्रों की संख्या भी 37 फीसदी बढ़ी
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। शिपिंग क्षेत्र में भारतीय नाविकों के इस साल भारतीय और विदेशी जहाजों पर रोजगार के मामले में 35 फीसदी की बेमिसाल बढ़ोतरी दर्ज की गई। यह आंकड़ा 2017 में 1,54,349 से बढ़कर 2018 में 2,08,799 हो गया है। इसके साथ ही ऑन-बोर्ड प्रशिक्षण के लिए छात्रों की संख्या लगभग 37 फीसदी की उछाल के साथ पिछले साल 14,307 से बढ़कर इस साल 19,545 हो गई है।
भारतीय जहाजों में रोजगार पाने वालों नाविकों की संख्या पिछले साल 22,103 से बढ़कर इस साल 27,364 हो गई है, जबकि इसी अवधि के लिए विदेशी जहाजों में नाविकों के रोजगार की संख्या 60,194 से बढ़कर 72,337 हो गई है। रोजगार पाने वालों की कुल संख्या 2017 में 60,194 थी जो बढ़कर 2018 में 72,337 हो गई, जबकि इसी अवधि के दौरान रेटिंग की संख्या भी बढ़कर 75,052 से बढ़कर 1,09,108 हो गई। भारतीय नाविकों की संख्या भी 2013 में 1,03,835 से बढ़कर 2015 में 1,26,945 हो गई थी।
भारतीय नाविकों की संख्या में यह बढ़ोतरी पिछले चार वर्षों के दौरान सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की एक श्रृंखला की वजह से संभव हो पाई है, जिसमें मैरीटाईम प्रशिक्षण के मानकों में सुधार ऑन-बोर्ड प्रशिक्षण के अवसर में वृद्धि, परीक्षा एवं प्रमाणन व्यवस्था में सुधार और आसान व्यापार का सुविधा दिया जाना शामिल है।
वर्ष 2016 में अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और रेटिंग्स में संशोधन न सिर्फ वैश्विक मानकों को पूरा करने के लिए किया गया, बल्कि विदेशी नियोक्ताओं की उम्मीदों पर खरा उतरना भी इसका उद्देश्य था। निजी क्षेत्र में काम कर रहें प्रशिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता का विभिन्न मानकों जैसे बुनियादी ढांचा, दाखिला दिए गए छात्रों की गुणवत्ता, संस्थान के प्राध्यापकों की गुणवत्ता, शिक्षणशास्त्र, परीक्षा में प्रदर्शन, ऑन-बोर्ड प्रशिक्षण और छात्रों का नियोजन आदि का आकलन करने के लिए ‘समग्र निरीक्षण कार्यक्रम’ (सीआईपी) की व्यवस्था तैयार की गई।
इन संस्थानों के लिए पाठ्यक्रम को उन्नत बनाने हेतु ई-लर्निंग मॉड्यूल तैयार किया गया और इसे भारतीय नाविकों को निःशुल्क उपलब्ध कराया गया ताकि वे परीक्षा में शामिल होने से पहले अपनी जानकारी और कौशल को उन्नत कर सकें। मानव संसाधन की आपूर्ति में बढ़ोतरी सुनिश्चित करने के लिए नए प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना या मौजूदा प्रशिक्षण संस्थानों की क्षमता में विस्तार करने पर लगे 15 वर्ष पुराने प्रतिबंध को कुछ सुनिश्चित शर्तों के साथ हटा दिया गया।