Saturday, April 27, 2024
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विश्वविद्यालय की नीतियों से महाविद्यालयों में आक्रोश

घाटमपुर, कानपुर, जन सामना संवाददाता। कानपुर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के उत्पीड़न के खिलाफ उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित संगठन मे बिगुल फूंक दिया है। अगर जल्दी ही उत्पीड़न की कार्यवाही रोकी नही गई तो संगठन आर-पार की लड़ाई के लिये मजबूर होगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरूवार अपराह्न स्थानीय जनता शिक्षा संस्थान महाविद्यालय सभागार में स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के प्रबन्धको की मीटिंग उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित संगठन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी की अध्यक्षता मे सम्पन्न हुई। जिसमें वक्ताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय में स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों की संख्या लगभग 95 प्रतिशत है, जो शासन द्वारा नियमानुसार शिक्षा के प्रसार-प्रचार जागरूकता का सत्त प्रयास करते है। अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने कहा अगर ऐसा नहीं होता है, तो शासन स्तर पर शिक्षकों के लिये लड़ाई-लड़ी जायेगी। पुरूषोत्तम श्रीराम डिग्री काॅलेज नन्दना के प्रबन्धक व संगठन उपाध्यक्ष मनोज सिंह भदौरिया ने कहा कि विश्वविद्यालय से ही प्राप्त होता है फिर भी सौतेला व्यवहार किया जाता है। जान बूझकर रिजल्ट खराब करना, केन्द्र बदलकर भ्रष्टाचार बढ़ाना आदि तरीको से परेशान किया जा रहा है। उपेक्षित व्यवहार असहनीय होता जा रहा है और हम लोगो को संघर्ष के लिये मजबूर किया जा रहा है। जिससे हम लोग परेशान होकर संस्थायें बन्द कर दें। इस अवसर पर ब्रजेश भदौरिया, राघवेन्द्र सिंह, जीतेन्द्र शर्मा, मंजुलता सचान, रामप्रकाश सचान, डाॅ0 ओम प्रकाश, पियूष प्रताप सिंह, डाॅ0 राकेश राजपूत, श्रवण कुमार पाल सहित लगभग पैतीस महाविद्यालयों के प्रबन्धकों ने बैठक मे शिरकत की।