Thursday, April 25, 2024
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प्राइवेट स्कूलों की तानाशाही से झुलस रहे मासूम

गर्मी के प्रकोप से झुलस रहे स्कूली बच्चे, घर लौटने में हो रहे बेजान, प्रशासन बना मूकदर्शक
प्रयागराज, वी डी पांडेय। प्राईवेट स्कूल के संचालक हर नियम कानून को अपने जेब में रखकर चल रहे है। चाहे बात फीस की हो/किताबों के नाम पर लूट की या मासूमो के सुरक्षा और देखभाल की हर जगह पर तानाशाही और लापरवाही का नजारा आम बात है।
अभी से ही चिलचिलाती धूप और तेज गर्म हवाओं ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। त्वचा झुलसाती गर्मी में जन-जीवन ही नहीं पशु-पक्षी भी बेहाल नजर आ रहे हैं। जिले में यत्र-तत्र-सर्वत्र इसी तरह के हालात हैं। परिषदीय एवं प्रबन्धकीय विद्यालयों को स्कूल समय परिवर्तन के लिए प्रशासनिक अधिकारियों व बड़े हाकिम के आदेश का इन्तजार है।
इस तरह की भीषण गर्मी में आज भी वही सर्दी वाले शेड्यूल पर ही विघालयों को खोला व बंद किया जा रहा है। जिसका खामियाजा भुगत रहे है मासूम, सुबह के 11 बजे ही लू चलने लगती है। शरीर को झुलसाने वाली लू जिससे सुबह हसते मुस्कुराते घरों से निकलने वाले मासूम बच्चे जब 3 बजे घर वापस लौटते है तो चेहरा झुलसा और मुरझाया रहता है।
स्कूल के संचालक तो आंख बंद करके स्कूल संचालन कर ही रहे है वही जिला प्रसाशन भी मौन धारण करके बैठा है न ही जनपद के मुखिया को मासूमों की समस्या दिख रही है और न ही बेसिक शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों को अगर यही हाल रहा तो बच्चों के साथ कभी भी बडी घटनाए हो सकती है। जिसमे लू के चमेट में आकर पानी की कमी से डारिया य अन्य कोई समस्या हो सकती है।
इस समय स्कूलों की समय सारणी में परिवर्तन कर सुबह 7 बजे से 10 या 11 तक कर दिया जाना चाहिए जिससे मासूमों को इस भीषण तपिस से बचाया जा सके इस तरफ जिला प्रसाशन व बेसिक शिक्षा विभाग को गौर करने की जरूरत है।