Saturday, April 27, 2024
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स्वच्छ शौचालय बनाने में जमकर हुआ भ्रष्टाचार

2017.02.22.1 ssp shulabh-ग्राम विकास अधिकारी के आगे जिले के अधिकारी दिख रहे बौने
-ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी की जुगलबन्दी से मानकों के साथ किया गया खिलवाड़
कानपुर देहात, जन सामना संवाददाता। एक तरफ देश के प्रधानमंत्री जी भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण करने पर जोर दिए हैं और केन्द्रीय योजनाओं को भ्रष्टाचार से मुक्त बनाये रखने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं तो दूसरी ओर जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले अधिकारी प्रधानमंत्री जी के स्वप्नों को धूमिल करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखना चाह रहे हैं।
हद तो यहां तक देखने को मिल रही है कि शिकायत करने पर स्थानीय स्तर के कर्मचारी उच्चाधिकारियों को बरगला रहे हैं और आंख बन्द कर ऐसी रिपोर्ट प्रेषित कर रहे हैं जो कि हजम नहीं हो रहीं हैं।
जी हां, जनपद के विकास खण्ड देरापुर के ग्राम पंचायत मझगवां के गांव मिर्जापुर खुर्द में स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छ शौचालयों का निर्माण ग्राम प्रधान की देखरेख में किया गया। निर्माण होने के बाद मिले नजारों से ऐसा प्रतीत हुआ कि शौचालयों को बनाते समय मानकों को ताक पर रखा गया। जिस पर प्रधानमंत्री जी को उनके पोर्टल के माध्यम से शिकायत पीजी पोर्टल संख्या 60000160027278 दिनांक 03 / 06 /2017 के माध्यम से अवगत कराया गया।
इसके बाद इस प्रकरण की जांच जिले के उच्चाधिकारियों ने स्वयं करना मुनासिब नहीं समझा और जांच की जिम्मेदारी ग्राम विकास अधिकारी रवि कुमार शुक्ला को सौंप दी। श्री शुक्ला ने इस प्रकरण की जांच अपने स्तर से की और जिले के उच्चाधिकारियों सहित शिकायत कर्ता को प्रतिलिपि भेजी। भेजी गई प्रतिलिपि की जांच को अगर मानें तो श्री शुक्ला ने शौचालयों को मानकों के अनुरूप बताते हुए निर्माणदायी संस्था को क्लीन चिट दे दी। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर लिखा कि सभी शौचालय मानक के अनुरूप बनाये गये हैं।
अब सवाल उठना लाजिमी है कि या तो तस्वीरें झूठ बोल रहीं हैं या रवि कुमार शुक्ला की रिपोर्ट जो कि उन्होंने जिले के उच्चाधिकारियों को प्रेषित की है।
अब देखना यह है कि क्या शौचालयों के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार का खुलासा होगा या ग्राम विकास अधिकारी के आगे जिले के उच्चाधिकारी बौने साबित होंगे।
शिकायत कर्ता की मानें तो ग्राम प्रधान ने चैलेंज कर दिया है कि नरेन्द्र मोदी चाहे घर घर पैदा हो जायें लेकिन जब तक मुझ जैसा प्रधान व रवि कुमार शुक्ला जैसे कर्मचारी हैं भ्रष्टाचार कभी खत्म नहीं होगा।
वहीं शिकायत कर्ता ने इस प्रकरण की मजिस्ट्रेटी जांच की मांग पुनः प्रधानमंत्री जी से की है।