Sunday, April 28, 2024
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जिला अस्पताल लक्ष्य के अनुरूप कार्य करें पूराः डीएम

2017.03.01 05 ravijansaamnaकृमि मुक्त बच्चों को दबा खाने से बच्चों में एनेमिया में कमी एवं पोषण स्तर में वृद्धि के साथ ही बच्चें के शारीरिक.मानसिक विकास में होती हैं वृद्धि: डीएम
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी कुमार रविकांत सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिये है कि जिला स्वास्थ समिति के जो कार्य जिला अस्पताल सीएचसीए पीएचसी चल रहे है जैसे जननी सुरक्षा योजनाए संस्थागत प्रसवए आशा तथा आगनबाड़ियों के कार्यए प्रसूताओं को मिलने वाले इन्सेन्टिवए अंटाइडफन्डए क्षय नियंत्रण कार्यक्रमए नेत्र उपचारए कुष्ठ निवारण आदि कार्यक्रमों को लक्ष्य के अनुरूप पूरा करें। इसके अलावा जो अधिसूचना से पूर्व निर्माण व विकास कार्य पूरे होने है उनको निर्धारित समय के अन्दर ही पूरा करें अन्यथा संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही होगी। सभी एमओआईसी शत प्रतिशत संस्थागत प्रसव कराने हेतु जागरूकता अभियान चलाये तथा आशाओं तथा एएनएम के संस्थागत प्रसव किये जा रहे कार्यो की नियमित रूप से समीक्षा करते रहे। प्रसूता महिलाओं को शत प्रतिशत इंसेन्टिव दिये जायें। गर्भवती महिलाओं को पहले से ही चिन्हिकरण करके उनके खाता पहले से खुलवा लेना चाहिए जिससे की प्रसव के बाद उनकों मिलने वाले पैसे के भुगतान में किसी प्रकार की देरी न हो। जिलाधिकारी ने कहा कि विद्यालयों में बच्चों को कृमि मुक्त दबाए अध्यनरत कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल दबा खिलायी जा रही है। दबा मानके के अनुरूप पूरी देख रेख में निःशुल्क खिलायी जाये। विद्यालय के बच्चों को कृमि नियंत्रण की दबा मानक के अनुसार खिलायी व वितरण किया जाये। जिससे बच्चों को कृमि से मुक्ति दिलायी जा सकें। बच्चों को स्वस्थ रहने के लिए कृमि मुक्त होना जरूरी है। इसलिए उनको एल्बेंडाजोल की गोली खिलाना जरूरी है। यदि बच्चें के पेट में कीड़े रहेगे तो बच्चों के शारीरिक विकास रूक जायेगा और मानसिक रूप से कमजोर रहेंगे। शासन की मंशा है कि आने वाली पीढ़ी स्वस्थ रहे जिससे एक स्वस्थ समाज का निर्माण हो सकें। बच्चों को बताया जाये कि रोगो की रोकथाम और कृमि से कैसे हमे शारीरिक नुकसान पहुंचता है। स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मष्तिस्क का वास होता है। उसके लिए हमें और हमारें बच्चों को कृमि से मुक्त होना होगा। क्योकि कृमि से छुटकाराए सेहतमन्द भविष्य हमारा रह पायेंगा। उन्होनें बीएसए और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वह बेहतर सामन्जस्य बनाकर बच्चों को कृमि मुक्त दबा खिलाना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कीड़े एक विश्वव्यापी जनस्वास्थ्य समस्या है। बच्चों में कृमि संक्रमण से एक ओर बच्चों का शारीरिक एवं बौद्धिक विकास बाधित होता है वही दूसरी ओर पोषण एवं होमोग्लोबिन पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। बच्चों को पेट की कीड की गोली एल्बेंडाजोल निर्धारित खुराक खिलाने से बच्चों में एनीमिया में कमी एवं पोेषण स्तर में बृद्धि साथ ही बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास में वृद्धि तथा होमोग्लोबिन स्तर में सुधार और प्रतिरोधात्मक क्षमता का भी विकास होता है।