Friday, November 29, 2024
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पीएम साहब आ रहे हैं…

शहर की वीआईपी रोड के दोनों तरफ खड़े हरे वृक्षों की टहनियों को काट-छांट दिया गया। रात्रिकालीन प्रकाश के लिये रोड के दोनों ओर लगी लाइटों को आननफानन में ठीक करने में रात-दिन एक कर दिया गया। दीवारों पर मन मोहक पेंटिंग बना दी गईं। सड़क को अवरोधक मुक्त करने का फरमान भी जारी हो गया। रोड को गड्ढामुक्त करके चमाचम कर दिया गया। सड़क के आस-पास जहां कूड़े-कचरे का अम्बार दिखता था उसे छिपाने की जुगाड़ ढूंड़ ली गई। वीआईपी रोड पर पड़ने वाले सभी चैराहों के यातायात संकेतों को भी ठीक कर दिया गया। रोड के दोनों तरफ जमे अतिक्रमण को साफ कर दिया गया।
गंगा किनारे जिन घाटों पर कूड़ा-कचरा बजबजाया करता था, उसको साफ करने में जिले का पूरा अमला लग गया। गंगा में अपना मुंह खोलकर गंदगी फैला रहे नालों को रोकने पर पूरा जोर लगा दिया गया। गंगा नदी के एक अटल नामक घाट की रौनक देखते ही बन रही है। बैराज का पानी रोक दिया गया इसे एक खास अवसर पर छोड़ने की योजना बना दी गई। इसके साथ ही वहां के आसपास के इलाके में दर्जनों शौचालय बनवा दिये गये। सुरक्षा की रिहर्सल कई दिनों से चल रही है और नजदीकी मारक वाली मिशाइलें भी तैनात करने की चर्चा सुनने को मिली।
इस सप्ताह उप्र के मुख्यमन्त्री जी भी अपनी गरिमामयी मौजूदगी दिखाकर व एक प्रमुख नाले पर सेल्फी खींचते नजर आये। खबरों की मानें तो गंगा के पानी को आचमन लायक बनाने पर पूरा जोर लगा दिया गया। यह सब होता देख पता किया तो पता चला कि पीएम साहब हमारे शहर आ रहे हैं, इसके अलावा कई केन्द्रीय मन्त्री व कई राज्यों के मुख्यमन्त्री जी भी पधार रहे हैं। इसी लिये हमारे पाॅल्यूटिड सिटी को स्मार्ट सिटी साबित करने पर पूरी जोर आजमाइश की गई है।
यह सब होता देख मेरे मन में सवाल आया कि यह सब तो पहले भी किया जाता था कि जिस क्षेत्र में माननीय जी आते थे, वहां और उसके आसपास सब कुछ चकाचक कर दिया जाता था यानीकि पर्दे के पीछे कुछ और होता था लेकिन पर्दे के सामने कुछ और दिखाया जाता था। कहने का मतलब यह है कि रील या रियल भी पता करना आवश्यक है।
अब माननीय पीएम साहब से मेरा यही अनुरोध है कि अगर जमीनी हकीकत वास्तव में जानना चाहते हो तो तयशुदा स्थानों पर आयोजित कार्यक्रम के स्थान को देखिये और कुछ कार्यक्रमों के स्थल को बदल कर देख लीजिये। शहर के अन्य क्षेत्रों का भ्रमण अगर कुछ समय निकाल कर कर लेंगे तो आपको जमीनीहकीकत का पता चल जायेगा कि हमारा कानपुर सिटी कितना स्मार्ट है और हम सब किस तरह से यहां पर अपना जीवनयापन कर रहे हैं? आपको यह भी जानकारी मिल जायेगी कि जो आपको दिखाया जा रहा है, उसमें सरकारी मशीनरी द्वारा कितनी बनावट और छिपावट की गई है?