Thursday, May 16, 2024
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“डेविट अर्थारिटी लेटर” के माध्यम से शुल्क की धनराशि शिक्षण संस्था के खाते में न करायी जाय अन्तरित

प्रयागराज, जन सामना ब्यूरो। निजी क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के गरीब अभिभावकों के आश्रित छात्र/छात्राओं को संस्थाओं द्वारा निःशुल्क प्रवेश दिये जाने की व्यवस्था वर्ष 2018-19 से समाप्त की गयी है। शासनादेश द्वारा निजी क्षेत्र के शिक्षण संस्थाओं ने निःशुल्क प्रवेश समाप्त किये जाने के पश्चात् भी कुछ संस्थानों में अभी भी छात्र/छात्राओं से प्रवेश के समय शुल्क की धनराशि जमा कराने के बाद “डेविट अर्थारिटी लेटर” भी प्राप्त कर लिया जाता है, जिससे विभाग से छात्रों के बैंक खातों में प्रेषित शुल्क की धनराशि बैंक से संस्थान के खाते में अन्तरित कराकर धनराशि का दुरूपयोग किया जा रहा है। निदेशालय, समाज कल्याण, उ0प्र0 लखनऊ के पत्र संख्या सी-4868 दिनांक 07.02.2020 द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्र/छात्राओं से “डेविट अर्थारिटी लेटर” न लिये जाने के सम्बन्ध में कड़े निर्देश भी दिये गये हैं।
अतः जनपद में स्थित समस्त निजी शिक्षण संस्थाओं को निर्देशित किया जाता है कि किसी भी दशा में छात्र/छात्राओं से “डेविट अर्थारिटी लेटर” न लिया जाय और न ही “डेविट अर्थारिटी लेटर” के माध्यम से शुल्क की धनराशि शिक्षण संस्था के खाते में अन्तरित करायी जाय। यदि ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में आता है तो सम्बन्धित शिक्षण संस्था के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी, जिसके लिये सम्बन्धित शिक्षण संस्था के प्रबन्धक/प्राचार्य व्यक्तिगत् रूप से जिम्मेदार होंगे।