Saturday, May 18, 2024
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सावधानी ही बेहतर उपाय

करोना वायरस का आतंक पूरे विश्व में फैला हुआ है करोड़ों रुपए की मदद के बावजूद उपाय के नाम पर सिर्फ सावधानी बरतना ही है। भारत के अलावा अन्य देशों में जिस तरह से कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है उसकी तुलना में हमारा देश बहुत जल्दी जाग गया और “जनता कर्फ्यू” के रूप में उसका समाधान ढूंढा निकाला। इस वायरस से लोगों में बहुत डर व्याप्त हैं जो कि स्वाभाविक भी है। इसका कोई स्थाई इलाज नहीं है और कोई भी व्यक्ति यूं ही मृत्यु को आमंत्रण नहीं देना चाहेगा। जिस तरह से सरकार ने जनता से उनके घरों में रहने की अपील की और उसके परिणामस्वरूप जनता का पूर्ण सहयोग नहीं मिल पा रहा। अभी भी बहुत से लोग घर के बाहर घूमते नजर आ जाते हैं।परिस्थितिकी गंभीरता को नजरअंदाज करना घातक साबित हो सकता है और मजबूरन “कर्फ्यू” लगाना ही उचित कदम है। हालांकि कर्फ्यू के दौरान सरकार की कुछ अव्यस्थाएं दिखाई दे रही है जिन पर सरकार को गौर करना चाहिए। वह लोग जो दूसरे शहरों से आकर अन्य शहरों में रोजी-रोटी कमाते हैं उनकी बारे में सरकार को ध्यान देना चाहिए। उन्हें वहीं रोककर उनके लिए रोजमर्रा की जरूरत की चीजें और सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए। जिस तरह से लोगों ने अपने गांव की ओर पलायन शुरू कर दिया है उससे संक्रमण बढ़ने का खतरा ज्यादा है। दूसरी बात ध्यान देने योग्य कि बाहर से आने वाले विदेशियों या ट्रेन के द्वारा सफर कर रहे लोगों की जांच सही तरीके से हुई या नहीं उसका पता होना चाहिएताकि संक्रमण फैले नहीं। जनता कर्फ्यू की सफलता का मतलब यह नहीं कि लोगबाग घरों से बाहर निकलकर गपशप करें, गुटबाजी करें या गरबा खेलें। इस पर सरकार द्वारा सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।
दूसरी बात राशन वितरण के लिए भी सरकार को समय-सीमा या होम डिलीवरी जैसी सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए और कालाबाजारी पर लगाम लगानी चाहिए। भीड़भाड़ को सख्ती से रोका जाए। सेनिटाइजर का प्रयोग मात्र औपचारिकता नहीं बल्कि सावधानी के तहत किया जाना चाहिए। सरकार और जनता के सहयोग से ही लाकडाउन सफल हो सकता है और कोरोना वायरस से बचा जा सकता है।