हमीरपुर, अंशुल साहू। सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज रानी लक्ष्मीबाई पार्क, हमीरपुर में आज हिंदी के प्रसिद्ध उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद्र जी का निर्वाण दिवस तथा वायु सेना का स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य रमेशचंद्र गुप्ता ने बताया कि प्रेमचंद का जन्म वाराणसी के निकट लमही गाँव में हुआ था। उनकी माता का नाम आनन्दी देवी था तथा पिता मुंशी अजायबराय था। उनकी शिक्षा का आरंभ उर्दू, फारसी से हुआ। 1898 में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वे एक स्थानीय विद्यालय में शिक्षक नियुक्त हो गए। नौकरी के साथ ही उन्होंने पढ़ाई जारी रखी। 1910 में उन्होंने अंग्रेजी, दर्शन, फारसी और इतिहास लेकर इंटर पास किया और 1919 में बी.ए. पास करने के बाद शिक्षा विभाग के इंस्पेक्टर पद पर नियुक्त हुए। आचार्य अरुण मिश्रा ने बताया कि सात वर्ष की अवस्था में उनकी माता तथा चौदह वर्ष की अवस्था में पिता का देहान्त हो जाने के कारण उनका प्रारंभिक जीवन संघर्षमय रहा। उनका पहला विवाह उन दिनों की परंपरा के अनुसार पंद्रह साल की उम्र में हुआ जो सफल नहीं रहा। 1906 में दूसरा विवाह अपनी प्रगतिशील परंपरा के अनुरूप बाल-विधवा शिवरानी देवी से किया। कुछ समय तक प्रेमचंद, धनपत राय नाम से लिखते। जीवन के अंतिम दिनों में वे गंभीर रूप से बीमार पड़े। उनका उपन्यास मंगलसूत्र पूरा नहीं हो सका और लम्बी बीमारी के बाद 8 अक्टूबर 1936 को उनका निधन हो गया। माधव भवन प्रभारी बलराम सिंह ने बताया कि आज का दिन भारतीय वायु सेना के लिए एक बहुत ही खास दिन हैं। वायुसेना आज गुरुवार को अपना गौरवशाली 88वां स्थापना दिवस मना रही है। इस स्थापना दिवस को वायु सेना दिवस के रूप में भी जाना जाता है। चीन के साथ पिछले छह महीने से चले आ रहे सीमा विवाद के बीच आर भारतीय वायुसेना अपना स्थापना दिवस मनाने जा रही है। इस अवसर पर वायुसेना आसमान में राफेल सहित दूसरे फाइटर जेट से उड़ान भर दुश्मन देश को अपनी ताकत का एहसास कराएंगे। भारतीय वायु सेना का गठन आजादी से 15 साल पहले 8 अक्टूबर 1932 को हुआ था। इस अवसर पर कमलकांत मिश्रा, ज्ञानेश जड़िया, ऋषिराज निगम, मयंक मिश्र एवं विद्यालय परिवार के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।