वाराणसी, जन सामना। राष्ट्रीय डाक सप्ताह का अंतिम दिन गुरुवार को मेल दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाकघर का प्राथमिक कार्य मेल का संग्रह, प्रसंस्करण, प्रसारण और वितरण रहा है। डाक सेवाओं में वैश्विक स्तर पर क्रन्तिकारी परिवर्तन आये है। भारतीय डाक विभाग ने भी वक्त के साथ नयी.नयी तकनीक एवं विधाओं का प्रयोग करते हुए डिजिटल भारत को बढ़ावा दिया है। नन्यथा ऐप के माध्यम से लेटर बॉक्स क्लियरेंस, पोस्टमैन मोबाइल ऐप के माध्यम से डाकिया मोबाइल पर ही हस्ताक्षर कराकर डाक वितरण कर रहा है। दर्पण डिवाइस के माध्यम से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रो में रजिस्ट्री, स्पीड पोस्ट, इत्यादि की बुकिंग की सेवाएँ आम जन को उपलब्ध करा रहा है। कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, कोरोना की वैश्विक महामारी के दौर में भी पोस्टमैन एवं ग्रामीण डाक सेवकों ने अपने जान को जोखिम में डालते हुए समाज के सभी वर्गों विशेषकर वृद्ध, विकलांग, पेंशनर, महिला व बीमार लोगो को उनके घर पर ही खातो से पैसे निकालकर देने का अभूतपूर्व कार्य किया। पोस्टमास्टर जनरल यादव ने लॉक डाउन वारियर व आई.पी.पी.बी. उत्तर प्रदेश पोस्टल हीरोज़ के तहत चयनित डाक कर्मियों को सम्मानित किया।
कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग का सबसे मुखर चेहरा डाकिया हैं। उनकी पहचान चिट्ठी.पत्री और मनीऑर्डर बांटने वाली रही हैए पर अब उनके हाथ में स्मार्टफोन है और बैग में एक डिजिटल डिवाइस। ग्रामीण पोस्टमैन अब चलते.फिरते एटीएम की नई भूमिका निभा रहे हैं। लॉकडाउन के दौर में जब ट्रांसपोर्ट के सभी साधन बंद हो गए। तब भी डाक विभाग ने अपने रोड ट्रांसपोर्ट नेटवर्क का विस्तार करते हुए देश भर में जरूरतमंदों और अस्पतालों तक दवाइयां, मास्क व टेस्टिंग किट्स तक पहुंचाईं। विशाल नेटवर्क वाला डाक विभाग घर आज भी अनगिनत लोगों के जीवन को प्रभावित करता है। इस अवसर पर सहायक निदेशक प्रथम प्रवीण प्रसून, सहायक निदेशक द्वितीय शम्भू राय नेअभिवादन एवं आभार व्यक्त किया, इस कार्यक्रम में सहायक अधीक्षक परमानन्द कुमार, अजय कुमार मौर्या, निरिक्षक, ब्रिजेश कुमार शर्मा सहित कार्यक्रम के सम्मानित डाककर्मी सुबोध कुमार, शिव प्रकाश मौर्या, शीतल प्रसाद सिंह यादव, ओम नारायण गुप्ता, सुरेश कुमार पटेल, नन्द लाल सरोज, इतरत मुजीब, पुनवासी राम, केशव कुमार पाण्डेय, इत्यादि उपस्थित थे।