Monday, November 18, 2024
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गंगा बैराज क्षेत्र विकास समिति तय करेगी विकास की रूपरेखा

कानपुर,जन सामना। बैठक में मंडलायुक्त ने कहा कि गंगा बैराज के निर्माण से गंगा की धारा शहरी क्षेत्र में पुनः प्रवाहित होने लगी। एक ओर जहां घाट गंगामय हो गए वहीं दूसरी ओर एक ऐसा क्षेत्र उभर कर आया जहां एक नए कानपुर की कल्पना की जाने लगी और बहुत सारे विभागों ने अलग अलग कुछ कुछ कार्यों पर कार्य भी आरम्भ किए। प्रमुख रूप से लखनऊ और मंधना के लिए सम्पर्क मार्ग, बोटैनिकल गार्डन, अटल घाट, बोट क्लब, बैराज से कंपनी बाग़ तक सम्पर्क मार्ग। गंगा बैराज क्षेत्र कानपुर के लिए एकमात्र ऐसा क्षेत्र निकल के आया जो आवासी विकास, गंगा तट विचरण करने का, रोमांचक जल क्रीड़ा मनोरंजन का, पर्यटन विकास के साथ शहर का मुख्य प्रवेश द्वार भी बन गया। लेकिन इसी के साथ साथ इस क्षेत्र में जामीनों का अवैध तरीके से कब्ज़े और प्लाटिंग करने के काम भी दिखने लगे हैं जो इस क्षेत्र को भविष्य में विकृत कर देंगे। इस क्षेत्र को गंभीरता से सुनियोजित तरीके से केंद्र सरकार और राज्य सरकार की विभिन्न प्रविधानिक योजनाओं का लाभ लिया जा सकेए सभी विभागों का आपस में समन्वय हो और नदी तट होने के कारण माननीय न्यायलयों एवं राष्ट्रीय हरित अभिकरण के दिशा निर्देशों का पालन हों और गैर कानूनी गतिविधियों को सख्ती से रोका जा सके। इन सभी गायिविधियों को नियंत्रित करने के लिए पिछली के.डी.ए बोर्ड बैठक में इस विषय पर गंभीरता से चर्चा हुई और प्रस्ताव पास करके निर्णय लिया गया कि गंगा बैराज क्षेत्र का सीमांकन करते हुए इस क्षेत्र को गंगा बैराज विकास क्षेत्र के नाम से जाना जाए। इस सीमांकित क्षेत्र में विकास के कार्य सुनियोजित और नियंत्रित तरीके से हों सकें और सिंगोट विंडो मॉनिटरिंग करे तथा कार्यों को स्वीकृत करने के लिए गंगा बैराज विकास क्षेत्र समिति का गठन का प्रस्ताव पास करते हुए मंडलायुक्त की अध्यक्षता में इसका गठन किया गया। ।
3 उन्होंने समिति के समन्वयक श्री नीरज श्रीवास्तव को निर्देश दिए की इस क्षेत्र में अभी तक विभिन्न विभागों द्वारा जो योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। अथवा जो प्रस्तावित हो चुकी हैंए उनके विवरण एक बुकलेट के रूप में तैयार करलेंए साथ ही पर्यटन तथा मनोरंजन की दृष्टि से यहां और क्या कार्य किये जा सकते हैए उसकी भी एक रूप रेखा अगली बैठक तक तैयार करलें। गंगा बैराज क्षेत्र कानपुर के प्रवेश द्वार के रूप में विकसित किया जाना है और यहां के सभी सड़क निर्माण बंधे के ऊपर हुए हैं। इस मार्ग में भारी व्यावसायिक वाहन जो मंधना से इस मार्ग का उपयोग करने लगे हैं और गंगा के तट से होने वाले अवैध खनन के परिवहन में भी आने वाले भारी वाहन ट्रक इत्यादि का आवागमन बढ़ता जा रहा है। आर.टी.ओ तथा अपर जिलाधिकारी नगर इस क्षेत्र का भ्रमण करलें और तत्काल इनको इस मार्ग का प्रयोग करने में प्रतिबंधित करें ।जिससे की बंधे पर बनी हुई सड़क को क्षतिग्रस्त होने से रोका जा सके।
5 बैठक में समिति के सदस्य राकेश सिंह वी.सी के.डी.ए, नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी, सचिव के.डी.ए, अपर जिलाधिकारी नगर एवं वित्त पुलिस अधीक्षक, आर.टी.ओ, समन्वयक सलाहकार नीरज श्रीवास्तव, मुख्य अभियंता यूपीसीडा, जल निगम, लोक निर्माण विभाग एवं सिचाई विभाग के अधिकारी उपस्थित रहें।