हाथरस,जन सामना। किसानों के हित में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नये बिल के बारे में किसानों के साथ बैठक कर किसानों को समझाते हुये नगर पालिका अध्यक्ष पं. आशीष शर्मा ने कहा कि 10 वर्ष की मनमोहन सरकार ने कुल 10 वर्ष में कुल 50 हजार करोड़ का किसान का ऋण माफ किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार हर वर्ष 75000 करोड़ किसान सम्मान निधि के रूप में किसानों के खातों में सीधे दे रही है। अगर हम तुलना करें मोदी सरकार 10 वर्ष में 7.50 लाख करोड़ सीधा खाते में बिना किसी दलाली, बिना किसी माध्यम से दे रही है। एम.एस.पी. सिस्टम न कभी बन्द किया, न होगा। कांग्रेस सरकार ने 2009 से 2014 तक कुल गेंहॅू खरीदा 1.5 लाख करोड़। जबकि मोदी सरकार ने 2014 से 2019 तक 3 लाख करोड़ गेहॅू खरीदा है। अभी तक देश में मोदी कार्यकाल में एक भी किसान की जमीन किसी भी उद्योगपति की नहीं हुयी। बल्कि धान मिलों से समझौते किये, पेप्सिको से आलू समझौते के बाद, डेरियों से दुग्ध उद्योगो के बाद किसान को अपनी आमन्दनी 30 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक बढ़ी है।उन्होंने कहा कि नये किसान बिल से अगर किसान काॅन्ट्रेक्ट फार्मिंग करता है तो फसल उगने से पहले ही उसके रेट तय किये जा सकते हैं। नये किसान बिल में अगर खरीददार ने किसान का भुगतान नहीं किया तो किसान कानूनी कार्यवाही भी कर सकता है। नये किसान बिल में किसान कभी भी अपना एग्रीमेन्ट वापस कर सकता है। किसान वार्ता में पं. राम निवास रावत, शिव देव दीक्षित मण्डल अध्यक्ष, विवेक रावत मण्डल महामंत्री, अनन्त सोलंकी मण्डल महामंत्री, वीरेन्द्र सिंह सेक्टर संयोजक, विक्रम सिंह रावत सेक्टर संयोजक, मनोज शर्मा मण्डल संयोजक, सोमप्रकाश गोला, भोला चौधरी, मुंशीलाल दीक्षित, राम प्रकाश दीक्षित, बनवारी लाल, रामगोपाल शर्मा, रघुवीर प्रसाद, नत्थी लाल शुक्ला, रामशरन शर्मा, शंकरलाल, चौधरी राम सिंह, बनवारीलाल शर्मा, संजय शर्मा, प्रमोद भोला, ब्रह्मदेव शर्मा, श्याम सविता, कुंवरपाल शर्मा, गौतम सिंह, उमाशंकर उपाध्याय, ए.के. सिंह, कैलाश चंद शर्मा, रमेश पतरोल, बबलू रावत, दिनेशचंद, अनिल सविता, विजय कुमार शर्मा, राजेश कुमार, वेदराम माहौर, राजवीर पंडा, बौबी पहलवान, रामकुमार उपाध्याय, सुरेश कंडक्टर, बौबी, रामनिवास शर्मा, बच्चू खां, मुल्लन खां, हुकुम चन्द, चन्द्रशेखर, विनय रावत, अशोक रावत, राजेन्द्र शर्मा, गौरीशकंर यादव, लाखन सिंह यादव प्रधान, विशम्बर यादव, चौधरी वीरेन्द्र सिंह, अनन्त वीर सोलंकी, चौधरी भोला सिंह आदि किसान मौजूद थे।