सासनी/हाथरस,जन सामना। कानूनों को लेकर किसानों की सबसे अधिक नाराजगी भले ही हरियाणा और पंजाब में देखने को मिल रही हो, किन्तु यूपी के किसानों में भी गुस्सा कम नहीं है। समाजवादी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक मोर्चा संभाले हुए है। कृषि कानून के विरोध में सपा कार्यकर्ता शुक्रवार को अजीत नगर में चौपाल लगाकर वार्ता की। समाजवादी पार्टी पूर्व जिला महासचिव महेन्द्र सिंह सोलंकी और पूर्व ब्लाक प्रमुख डंबर सिंह ने अजीत नगर में लगाई किसानों की एक चैपाल में कहा कि समाजवादी पार्टी किसानों की अपनी पार्टी है। ऐसे में किसानों की लड़ाई में हम उनके साथ हैं। हाल ही में संसद से पास हुए कृषि बिल किसानों के लिए काला कानून है, सरकार इस कानून को भी तब लाई जब कोरोना महामारी ने अपने पांव देश में पसार लिए थे। जिससे कोई किसान इसका विरोध न कर सके। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में सुषमा स्वराज और अरूण जेठली ने भी इसका विरोध किया था। तब उनकी आवाज को दबा दिया गया। मगर भाजपा सरकार फिर से इस काले कानून को लाकर किसान का भरपूर शोषण करने पर तुली है, उन्होंने कहा कि सरकार की इस मंशा को किसी भी हाल में पूरा नहीं होने दिया जाएगा। उन्होने कहा कि किसानों के लिए जो कृषि बिल पास किया गया है वह पूरी तरह से किसान विरोधी है। इस बिल के बाद देश का अन्नदाता पूंजीपतियों के गुलाम बन जायेगा क्योंकि पूंजीपति उसी के खेत में फसल खरीदेंगे और कुछ होने पर किसान उनके खिलाफ कार्यवाही भी नही कर सकेगा। इस बिल संसद में विपक्ष ने विरोध किया लेकिन उनकी आवाज को दबा दिया गया और किसान विरोधी बिल को पास कर दिया गया। इस बिल का समाजवादी पार्टी पूरी तरह से विरोध करती है। इस दौरान चौधरी हरवीर सिंह, पूर्व प्रत्याशी रामनारायण काके, संतोष तोमर, अरविंद तोमर, नितिन चौधरी, इंदल सोलंकी, विनोद सेंगर, देवेन्द्र शर्मा, संजय, लव कुशवाहा, आदि मौजूद थे। किसान चौपाल के संयोजक भूरा प्रधान रहे।