हाथरस,जन सामना। कोविड-19 टीकाकरण के हर पहलू पर स्वास्थ्य विभाग की नजर है। कोविड टीके के रखरखाव से लेकर उसे लगाने तक के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम हो चुके हैं। वैक्सीन का कोई दुष्प्रभाव न हो इसके लिए भी स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है।
किसी भी टीके को लगाने पर अलग-अलग प्रभाव हो सकते हैं। ठीक इसी प्रकार से कोविड-19 की वैक्सीन लगाने पर भी किसी भी व्यक्ति को परेशानी हो सकती है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एडवर्स इंवेंट फालोइंग इम्युनाइजेशन (एईएफआई) की कमेटी का गठन किया है।अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजेंद्र सिंह ने बताया कि वैक्सीन के लगवाने के बाद किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी होती है, जैसे-चक्कर आना, घबराहट होना इत्यादि तो इस स्थिति में एईएफआई प्रतिकूल प्रभाव होने पर उस केस के कारणों का पता लगाएगी। साथ ही व्यक्ति का उपचार अस्पताल के चिकित्सक एईएफआई किट के माध्यम से करेंगे।कोविड का टीका लगवाने वालों को तीन व्यवस्थाओं से गुजरना होगा। लिस्ट में नाम होने पर प्रतीक्षालय में बारी का इंतजार करेंगे। फिर टीकाकरण कक्ष में पुनः वेरिफिकेशन होगा व टीकाकरण किया जाएगा। टीके के पश्चात 30 मिनट तक अनुश्रवण कक्ष में बैठकर मोबिलाइजर टीके के किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव पर नजर रखेंगे।प्रतीक्षा कक्ष-यहां पर हाथों को सेनेटाइज करने की व्यवस्था होगी। इंतजार करने के लिए सीटिंग एरिया होगा। जहां दो गज की दूरी का ध्यान रखा जाएगा।टीकाकरण कक्ष-यहां पर वैक्सीन होगी और वैक्सीन लगाने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ व डॉक्टर मौजूद होंगे। उनके साथ एक सहायक होगा।निगरानी कक्ष-निगरानी कक्ष में वैक्सीन लगाने के बाद व्यक्ति को आधे घंटे तक बिठाया जाएगा। यहां पर देखा जाएगा की वैक्सीन लगाने के बाद कोई परेशानी तो नहीं हो रही ळें|