Tuesday, June 18, 2024
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गोरों के शासनकाल में सन् 1940 में भारत में इंडियन कॉफी हाउस का हुआ जन्म

जबलपुर में खुला था देश का पहला इंडियन कॉफी हाउस
प्रयागराज। इंडियन कॉफी हाउस ये श्रमिक सहकारी समितियों द्वारा चलायी जातीं हैं। भारत में लगभग 400 कॉफी चल रहे हैं।
इलाहाबाद अब प्रयागराज का कॉफी हाउस (15 महात्मा गांधी मार्ग, सिविल लाइंस, इलाहाबाद) वही स्थान है जहां देश के प्रथम पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और वी. पी. सिंह अक्सर अपना समय बिताया करते थे उसके साथ ही सदी के महानायक अमिताभ बच्चन अपनी जवानी के दिनों में यही पर कॉफी पीना पसंद करते थे।
ऐसे हुआ गठन 1950 के दशक में कर्मचारियों की छंटनी होने से खलबली मच गई। लेबर यूनियन से भी सहयोग नहीं मिला, तो कामरेड एके गोपालन एवं प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने कोऑपरेटिव सोसायटी का गठन किया। जबलपुर में इंडियन कॉफी वर्कर्स को-ऑपरेटिव सोसायटी लि. अस्तित्व में आई और 1958 में जबलपुर में पहले कॉफी हाउस की शुरुआत हुई। 16 कर्मचारियों से जबलपुर से शुरुआत देश भर में 100 से अधिक कॉफी हाउस की शृंखला तक पहुंच गई।
1940 में स्थापना कम ही लोगों को मालूम होगा कि गोरों के शासनकाल में सन् 1940 में भारत में इंडियन कॉफी हाउस का जन्म हुआ। उस दौरान काफी के बीज और कॉफी के उत्पादों के प्रचार के लिए भारत कॉफी बोर्ड बनाया गया था। गोरे अपनी मेम व मित्रों के साथ कॉफी हाउस में बैठकर गर्म कॉफी की चुस्कियां लिया करते थे। 1957 तक यह अच्छी-खासी विदेशी मुद्रा अर्जित करने का साधन बन गया।
ऐसे हुआ गठन 1950 एके गोपालन एवं प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने कोऑपरेटिव सोसायटी का गठन किया। जबलपुर में इंडियन कॉफी वर्कर्स को-ऑपरेटिव सोसायटी लि. अस्तित्व में आई और 1958 में जबलपुर में पहले कॉफी हाउस की शुरुआत हुई।