कानपुर देहात,जन सामना। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश मंं नवनियुक्त 1065 आयुर्वेद एवं होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरण, पदस्थापना व संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्होने प्रदेश के पहले उ0प्र0 आयुष टेलीमेडिसीन का शुभारंभ व 142 योग वेलनेस सेन्टर का उद्घाटन भी किया। उन्होने कहा नवनियुक्त चिकित्सा अधिकारी पूरी ईमानदारी व मेहनत से कार्य करें व शोध पर भी विशेष ध्यान दें। उन्होने कहा कि उ0प्र0 में योग व वेलनेस सेन्टर टूरिज्म डेसटीनेशन बनेगा।
मुख्यमंत्री ने वीडियों कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से नवनियुक्त चिकित्सा अधिकारियों में से चन्दौली, गोरखपुर, मथुरा व महोबा के चिकित्सा अधिकारियों से संवाद किया। उन्होने सबसे उनकी योग्यता व उन्होने क्या क्या कोर्स किये है इसकी जानकारी ली तथा सभी को बधाई देते हुये कहा कि वह सभी पूरी मेहनत व ईमानदारी से कार्य करे तथा कार्यों को मिशन मोड में लेकर करें। शोध पर भी ध्यान दें। मुख्यमंत्री ने वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एनआईसी कानपुर देहात में कार्यक्रम से जुडे राज्यमंत्री अजीत सिंह पाल, विधायकगणों में अकबरपुर रनियां प्रतिभा शुक्ला, निर्मला संखवार, जिलाधिकारी डा0 दिनेश चन्द्र ने 5 आयुर्वेद एवं 6 होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारियों को नियुक्ति सौपें।
योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि भारतीय ऋषि परंपरा में पीपल व बरगद को देवतुल्य माना गया है। उन्होने कहा कि आयुर्वेद काढे को प्राचीन समय से ही उपयोगी माना गया है। उन्होने कहा कि कोई घर ऐसा नहीं जहां हल्दी, हींग व अदरक का उपयोग न होता हो। उन्होने कहा कि भारतवर्ष में यह प्राचीन काल से ही उपयोग में लाये जा रहे है। उन्होनेे कहा कि पूर्व में हमे इनका उपयोग करने पर पिछडा हुआ माना जाता था लेकिन आज पूरे विष्व ने इसकी उपयोगिता देखी है व इसकी मांग पूरी दुनिया में हो रही है। उन्होने कहा कि कोरोना काल खंड में भारत की परम्परागत चिकित्सा पद्धति के उपयोग को दुनिया ने माना है और आयुर्वेद की मांग हर स्तर पर हो रही है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री भारत सरकार का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि उन्होने अपने प्रधानमंत्री काल में आयुष मंत्रालय का गठन किया तथा देश को प्रथम आयुष विश्वविद्यालय दिया जो कि दिल्ली में स्थापित है। उन्होने कहा कि देश का पहला सर्जन आयुर्वेद से ही था। आयुर्वेद परंपरागत चिकित्सा पद्धति रही है तथा आयुर्वेद काढ़े का उपयोग आयुर्वेद की पद्धति मंं हजारो सालो से उपयोग में किया जा रहा है। उन्होने कहा कि दादी के नुस्खों में भी इसका इस्तेमाल होता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि आयुर्वेद, योग व नेचुरोपैथी में अपार संभावनाएं है। उन्होने कहा कि होम्योपैथिक विद्या भी प्लांट पर आधारित है। उन्होने नवनियुक्त चिकित्सा अधिकारियों से कहा कि केन्द्र व राज्य ने उन पर भरोसा किया है। उन्होने कहा कि वह कार्यों को मिशन मोड में लेकर करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि उ0प्र0 में योग व वेलनेस सेन्टर टूरिज्म डेसटीनेशन बनेगा। इसलिए सभी इस पर कार्य करे। उन्होने कहा कि योग एवं व्यायाम में एक सामान्य मूलभूत अंतर होता है। उन्होने कहा कि आयुर्वेद व योग के साथ जुडना बडा पवित्र कार्य है। उन्होने कहा कि आपके आसपास औषधियों को भंडार छुपा है उसको पहचानने व उसको उपयोग सही तरीके से करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर एनआईसी में वीडियो कान्फ्रंसिंग कक्ष में नवयुग शिक्षा अधिकारी डॉक्टर पवन सिंह, डॉ0 शैलेंद्र सिंह डॉ अमित सिंह यादव, डॉ0 रोहणी सिंह, डॉ रवि कुमार कुशवाहा, डा0 प्रभा, शीलू शुक्ला, नम्रता, डा0 अनुज मिश्रा, डा0 अक्षय कुमार आदि नोडल अधिकारी डॉ0 बृजेश आर्यएवं डॉ रंजना राजपूत आदि मौजूद रहे।
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