हाथरस,जन सामना। शहर के आरटीओ विभाग में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। दलालों का आरटीओ में बोलवाला है। दलालों से सम्पर्क कर अपने काम के लिए सौदेबाजी करें और निर्धारित रूपये का चढ़ावा अर्पित कर सर्टिफिकेट हासिल कर बिना किसी झंझट घर वापसी कर लो। यह फंडा है आरटीओ विभाग में अपना काम कराने का यदि आपने बात कायदे कानून की कर दी तो फिर समझ लीजिए चक्कर काटते-काटते भले ही चप्पल घिस जाये, लेकिन आपका काम नहीं हो पायेगा। इसकी पड़ताल संवाददाता ने की अनफिट वाहन पर्राटें भर रहे है। निजी वाहन टैक्सी बनाकर सवारियों को ढो रहे है। डग्गेमार वाहन शहर में तकरीबन 50 फीसदी ऑटो फिटनेस के मानकों को पूरा नहीं कर पा रहे है। चाँदी के जूतों की चमक के आगे विभागीय अफसर आंख मूंदकर फिटनेश सर्टिफ्क्रिेट जारी कर देते है। जानकार सूत्रों के मुताबिक यू तो विभाग में हर काम की फीस तय है। लेकिन निर्धारित फीस से भी काम कराना आसान नही है, जब कि दलालों के माध्यम से टेबिल पर आने वाली फाइलों के साथ मोटा चढ़ावा भी होता है। इसपर सम्बन्धित बाबू और संबन्धित सर्टिफिकेट डीएल आदि जारी कर देते है। और ओवरलोर्डिंग के नाम पर भी विभागीय अफसर व कर्मचारी जमकर वसूली मे संलिप्त बताये गये है।