प्रयागराज। माघ मेला 2021 के साथ कृषि विभाग द्वारा 09 दिवसीय विराट किसान मेला दिनांक 30.01.2021 से 07.02.2021 तक की अवधि में किया जा रहा है। मेले के पंचम दिवस दिनांक 03.02.2021 को विराट किसान मेले में पूर्व दिनों की भांति कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि यंत्रों एवं फार्म मशीनरी सहित लगभग 80 विभागों/संस्थाओं द्वारा लगाये गये स्टालों का कृषकों ने अवलोकन कर तकनीकी जानकारी प्राप्त करते हुए खरीददारी भी की गयी।
मेले में आये हुए कृषकों एवं वैज्ञानिकों तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियों का स्वागत श्री विनोद कुमार, उप कृषि निदेशक प्रयागराज द्वारा किया गया। डा0 मनोज कुमार सिंह, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र, कौशाम्बी द्वारा कृषि विविधिकरण की सम्भावानाएं एवं फायदे के बारे में विस्तृत चर्चा की गयी, जिसमे उन्होंने बताया कि कृषि के साथ अन्य फसलों का उत्पादन करना ही कृषि विविधिकरण का उद्देश्य है। वर्तमान में मृदा में जीवांश की मात्रा 0.03 प्रतिशत है जो खतरनाक है, मृदा मे जीवांश की मात्रा .08 प्रतिशत होना चाहिये। मृदा मे जीवांश की मात्रा बढाने के लिये हरी खाद का प्रयोग व पराली न जलाने से पूर्ण होगी। कृषि विविधिकरण के तहत कृषक दुग्ध उत्पादन, बागवानी, पशुपालन तथा मुर्गीपालन जैसे व्यवसाय अपना कर अपने आय बढा सकते है।
डाॅ0 शैलेन्द्र कुमार सिंह कृषि वैज्ञानिक, शुआट्स, प्रयागराज द्वारा कृषकों को बागवानी से सम्बन्धित जानकारी देते हुये बताया की अमरूद की खेती मेे प्रयागराज का नाम विख्यात है, किन्तु अमरूद की खेती में उकठा रोग का प्रभाव होता है इस लिये कृषक उकठा रोधी प्रजाति सरदार (एम0-49) का चयन करे। आम की खेती करने के लिये कृषक 1 वर्ष के प्रति पौधें को 100 ग्राम नाइट्रोजन 60 ग्राम फास्फोरस 75 ग्राम पोटाश तथा 10 किलोग्राम कम्पोस्ट का प्रयोग करे। इसके अतिरिक्त आंवला तथा पपीता इत्यादि की खेती के बारे में विस्तृत जानकारी दी। डा0 मनीष केशरवानी कृषि वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र, नैनी प्रयागराज ने औद्यानिक फसलो का मूल्य संवर्धन से सम्बंधित जानकारी देते हुये बतााया कि अचार, कैडीं, मुरब्बा, इत्यादि बनाकर कृषक अत्यधिक लाभ कमा सकते है। उन्होने बताया की अमरूद की प्रजाति इलाहाबादी सफेदा को जी0आई0 टैग व आई0एस0ओ0 प्रमाण पत्र प्राप्त है। इस प्रजाति की टाॅफी व कैडीं बनाने की की विधि को विस्तार पूर्वक बताया। डा0 टी0 डी0 मिश्रा कृषि वैज्ञानिक, शुआट्स प्रयागराज द्वारा जायद में कद्दू वर्गीय सब्जियों की खेती के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी।
डा0ॅ निमिशा नटराजन, वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र, नैनी प्रयागराज एवं आर0 पी0 सिंह द्वारा औद्यानिक उत्पादों का उपयोग करते हुये विभिन्न प्रोटीन युक्त उत्पाद जैसे मशरूम, अण्डा, व विभिन्न दुग्ध उत्पादों का भोजन में समावेश करके कुपोषण दूर किया जा सकता है।
जिला उद्यान अधिकारी प्रतिभा पाण्डेय ने कृषकों के लिये उद्यान विभाग द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों तथा उस पर देय अनुदानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उप निदेशक उद्यान विनीत कुमार ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण योजना के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि उक्त योजनान्तर्गत 35 प्रतिशत या रू0-10 लाख, जो भी कम हो अनुदान कृषकों को देय है।
बीना पाण्डेय प्रधानाचार्य खाद्य प्रसंस्करण, डा0 के0 एम0 चौधरी, मुख्य उद्यान विशेषज्ञ खुसरोबाग, डा0 मनीष कुमार कृषि वैज्ञानिक शुआट्स आदि द्वारा मेले में प्रतिभाग किया गया।
विराट किसान मेला में कृषि विभाग के साथ-साथ अन्य सभी सहयोगी विभागों के मण्डल/जनपद स्तरीय अधिकारी तथा दूर दराज के क्षेत्रों से किसानों को उप परियोजना निदेशक (आत्मा) प्रयागराज इन्दराकांत पाण्डेय द्वारा समस्त अतिथियों एवं कृषकों को आभार प्रकट करते हुये पंचम दिवस का समापन किया गया।