हाथरस, जन सामना। श्रीमद् भागवत कथा महामहोत्सव का आयोजन आज भव्य कलश यात्रा के साथ हनुमान गली स्थित सती महारानी मन्दिर में शुरू हो गया। कथा में आचार्य विशाल वल्लभाचार्य महाराज ने बताया कि अगर भगवान को पाना है तो प्रेम और भक्ति का मार्ग अपनाना चाहिए। मानव जीवन में प्रेम और भक्ति की भावना का उदय तब होता है जब उसको संत और ग्रन्थ का सानिध्य मिलता है। महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा के दौरान भागवत महात्म्य और भक्ति की शक्ति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भागवत को समझने के लिए भक्ति भावना बहुत आवश्यक है। रामायण में नौ प्रकार की भक्ति बताई गई है, जिनके माध्यम से भक्त भगवान को प्राप्त कर सकते हैं। असली भक्त वही है जो भक्ति में दुनिया की शर्म न करे। इस मायावी दुनिया में अगर कन्हैया का सहारा मिल जाए तो किसी सांसारिक सहारे की जरुरत नहीं है। लोग सोचते हैं कि उनकी संतान उनका नाम रोशन करेगी, लेकिन कोई जरुरी नहीं है कि कोई रिश्ता तुम्हे प्रसिद्धि दिलाए। मगर इसमें कोई संदेह नहीं है कि अगर एक बार भगवान से तुम्हारा रिश्ता जुड़ गया तो तुम्हारा नाम तुम्हारे बाद भी रहेगा। महाराज ने मीरा का उदाहरण देते हुए कहा कि मीरा की कोई संतान नहीं थी , उनका विवाह राजघराने में हुआ, लेकिन आज भी उनका नाम कन्हैया से जुड़े उनके सम्बन्ध से लिया जाता है। आधुनिक युवाओं की बढ़ती विकृत मानसिकता पर महाराज ने चिंता जताई। गौहत्या बंद होनी चाहिए और उन्होंने गौ माता की महत्वता के बारे में भी बताया। कथा में गारमेन्ट एसोसियेशन के अध्यक्ष अजीत शर्मा, डब्बू अग्रवाल, बबलू भईया, सुनील शुक्ला आदि श्रोता उपस्थित थे।