Monday, November 18, 2024
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व्यापार मंडल ने जीएसटी और श्रम कानूनों में सरलीकरण की मांग

हाथरस, जन सामना। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश मंत्री योगा पंडित, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य गोविन्द प्रसाद अग्रवाल, जिला अध्यक्ष अशोक बागला, जिला महामंत्री कपिल अग्रवाल, विधानसभा अध्यक्ष रमेशचंद्र अग्रवाल तथा विधानसभा महामंत्री प्रेमप्रकाश पागल गुरु द्वारा जारी संयुक्त विज्ञप्ति में व्यापारियों पर जटिल कानून थोपे जाने का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि सरकार जीएसटी में पंजीकरण कराने की बार-बार बात कहती है। किंतु जीएसटी के नियमों का सरलीकरण करने की बजाय उन्हें और जटिल करते जा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि कोरॉना काल में जिन नए व्यापारियों द्वारा निल रिटर्न फाइल नहीं किए गए उन पर 10 हजार रूपये प्रति माह के हिसाब से पेनल्टी लगा कर बकाया कर दिया गया। उन्होंने कहा कि एक तरफ जीएसटी में दुर्घटना बीमा का प्रावधान है, किंतु बहुत से दुर्घटना के शिकार व्यापारियों का मुआवजा विभाग द्वारा नहीं दिया जा रहा है। निल रिटर्न फाइल करने के लिए एसएमएस या टोल फ्री नंबर पर रिटर्न फाइल करने की सुविधा दी जानी चाहिए।
उन्होंने साथ ही मांग की है कि सरकार ने जो श्रम कानूनों में बदलाव किया है वह व्यापारियों को कतई मंजूर नहीं है। इन श्रम कानूनों में व्यापारियों और उद्यमियों के लिए जटिलता बढ़ा दी गई है, जिससे व्यापारियों में खासा आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने कहा है कि कानूनों को जटिल बनाने से व्यापार और उद्योग चलाने में दिक्कतें आती हैं। जिसके कारण क्षेत्र और देश का अपेक्षित औद्योगिक विकास नहीं हो पा रहा है। व्यापारी सरकार को अधिक से अधिक राजस्व देना चाहता है। किंतु वह कानूनी अड़चनों में फंस कर व्यापार नहीं कर पाता है। उन्होंने मांग की है कि जीएसटी में सरलीकरण किया जाए तथा श्रम कानूनों में किए गए बदलावों को वापस लिया जाए।