देश के भविष्य बच्चों और मार्गदर्शक बुजुर्गों की सुरक्षा, जीवनरक्षा के लिए तात्कालिक राष्ट्रीय रणनीतिक रोडमैप बनाना जरूरी – एड किशन भावनानी
वैश्विक रूप से महामारीओं, तूफान, ज्वालामुखी फूटना, जंगलों में आग इत्यादि अनेक प्राकृतिक विपत्तियों का पहाड़ सभी देशों पर टूट पड़ा है। जिसमें कोरोना महामारी से क़रीब क़रीब सभी देश ग्रस्त हुए हैं और बाकी तूफ़ान और ज्वालामुखी फटने की घटनाएं कुछ देशों में चालू है। हालांकि इनका सुरक्षित मुकाबला करने वैक्सीन का इज़ाद भी कुछ देशों ने किया है और टीकाकरण अभियान अनेक स्तर पर शुरू है तथा अमेरिका, ब्रिटेन, रूस सहित कुछ देशोंमें अधिकांश टीकाकरण पात्र लोगों को वैक्सीन लगा दी गई है। परंतु फिर भी वहां पूर्ण रूप से महामारी समाप्त नहीं हुई है।…बात अगर हम भारत की करें तो भारत पर अभी 2021 की शुरुआत से ही और अभी मई मध्य में तो विपत्तियों का पहाड़ ही टूट पड़ा है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर पीक पर चालू हुई थी तो कुछ राज्यों में टाऊते तूफान का कहर टूटा और जनहानि हुई, जहाज पी 305 के क्रू मेंबरों, कर्मचारियों की मुंबई में जनहानि और अब ब्लैक फंगस तथा वाइट फंगस नामक महामारी ने भारत में बड़ी तीव्रता के साथ पैर पसारना शुरू कर दिया है और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव के माध्यम से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ब्लैक फंगस संक्रमण (म्यूकर माइकोसिस) को महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत अधिसूचित बीमारी बनाकर सभी मामलों की जानकारी देने का आग्रह किया गया है और कहा गया है कि इस संक्रमण में कोविड-19 रोगियों में दीर्घकालीन रुग्णता और मौतों की संख्या में वृद्धि हो रही है और एक नई चुनौती सामने आई है। दिनांक 22 मई 2021 तक ब्लैक फंगस 15 राज्यों में पैर पसार चुकी है और इसकी तीव्रता को देखते हुए 11 राज्यों ने महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत अपने राज्यों में इसे ब्लैक फंगस महामारी घोषित कर दी है। और सरकारी अस्पतालों में ब्लैक फंगस के मुफ़्त इलाज़ की घोषणा की गई हैं। और अहमदाबाद में एक 13 वर्षीय बच्चे की ब्लैक फंगस से मृत्यु हुई हैं, ऐसी जानकारी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और टीवी चैनलों द्वारा दी गई है। हालांकि बहुत बड़े स्तर पर इस नई महामारी से निपटने के लिए तात्कालिक रणनीतिक रोड मैप बनाना शुरू कर दिया है। माननीय प्रधानमंत्री महोदय ने दिनांक 21 मई 2021 को काशी के डॉक्टरों और हेल्थ वर्करों के साथ वर्चुअल संवाद में ब्लैक फंगस की गंभीरता को देखते हुए इसेनई चुनौती कहा और राज्यों को महामारी घोषित करने का विचार व्यक्त किया है। उधर माननीय केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रीने भी दिनांक 21 मार्च 2021 को 9 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक में भी ब्लैक फंगस के बढ़ते मरीजों पर कहा इससे चिंता बढ़ी है और कहा दवाओं का प्रोडक्शन बढ़ाया जा रहा है साथ ही राज्यों को भी सूचना देने के लिए कहा गया, इससे बचने के लिए बेहतर इलाज़ और तरीके उपाय अपनाए जा रहे हैं। आगे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, इसलिए जरूरी है कि बच्चों को ध्यान में रखकर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाए। उन्होंने टीकाकरण बढ़ाने, उपलब्धि टीके जल्द से जल्द देने और आने वाले समय में वैक्सीन प्रोडक्शन में काफी इजाफे की बात कही बात…. अगर हम इस नई ब्लैक फंगस और वाइट फंगस बीमारी की करें तो देशके दो बड़े सीनियर डॉक्टरों ने अपने बयान में कहा कि ब्लैक फंगस को काबू करने का एक ही रास्ता है स्टेरॉयड का विवेकपूर्ण उपयोग और मधुमेह पर नियंत्रण तथा ब्लड शुगर चेक करते रहें। हालांकि यह संक्रमण शुगर के मरीजों में अधिक देखने को मिल रहा है और इसके संबंध में अनेक जानकारियां दी और कहा गया कि, स्टेरॉयड डॉक्टरों की सलाह पर ही डायबिटीज के मरीजों को दी जाए और लक्षण दिखे तो तुरंत इलाज करवाएं। लेकिन डायबिटीज काबू में है तो ब्लैक फंगस से बचे रहेंगे। एक राज्य में वाइट फंगस के भी कुछ मामले मिले हैं एक्सपर्ट के अनुसार काफी खतरनाक है और इसके लक्षण कोविड-19 से मिलते जुलते हैं। सरकार ने भी अभी इससे संबंधित छह फार्मा कंपनियां अभी दवा बना रही थी जिसे बढ़ाया गया है और 5 और फर्मा कंपनियों को इसकी अनुमति दी गई है। अब कुल 11 फार्मा कंपनियां इसकी दवाएं बनाएगी… बात अगर हम वर्तमान समय की इन खतरनाक त्रासदीयों की करें तो इसमें हमारे देश के भविष्य बच्चों और मार्गदर्शक बुजुर्गों को बचाना, उनकी रक्षा करना, उनका जीवन बचाना, इस बदलते परिदृश्य में युवाओं, शासन -प्रशासन, कोरोनावरियर्स, से संवेदनशील और जवाबदेही व्यवहार की उम्मीद रखते हैं। यह प्रकृति भविष्य मार्गदर्शनकर्ताऔर समाज को जीवित रखने और बेहतर बनाने के लिए सबसे अहम जिम्मेदारी है। हमें अभी बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष ध्यान रखना होगा। उनकी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार, कोविड-19 नियमों का पालन और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ध्यान रखना होगा। क्योंकि बच्चे हमारे देश के भविष्य और बुजुर्ग हमारे मार्गदर्शक हैं इसके लिए वर्तमान भयंकर त्रासदी में भारतीय स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली को जो हालांकि चाक चौबंद है फ़िर भी सचेत और सुगम बनाना जरूरी है तथा बच्चों, बुजुर्गों को ध्यान में रखकर स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर की तैयारी तात्कालिक रूप से शुरू कर देना होगा। जिसे रणनीतिक रोडमैप बनाकर करना होगा ताकि इससे निपटने के लिए हम पूर्णता तैयार रहें और बच्चों, बुजुर्गों पर इन विपदाओं का कहर टूटे, इसके पहले ही हम स्वास्थ्य अस्त्रों के साथ रक्षात्मक स्थिति में तैयार रहें। ताकि हमारे भविष्य बच्चों और मार्गदर्शक बुजुर्गों का जीवन हम बचा सकें।
बच्चे और बुजुर्ग है हमारे देश का अभिमान।
महामारी से बचाकर करें उनका सम्मान।।
देश का भविष्य अनुभव का संसार इन में समाए।
आओ जिम्मेदार नागरिक होने का कर्तव्य निभाए।।
-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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