Saturday, April 19, 2025
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » कोरोना पॉजिटिव मरीजों को मिल रही बिना प्रचार वाली दवा

कोरोना पॉजिटिव मरीजों को मिल रही बिना प्रचार वाली दवा

बिजुआ क्षेत्र के कोरोना पॉजिटिव मरीजों की देखभाल के सारे दावे खोखले होम क्वारंटाइन मरीजों को जा रही बिना काम की दवाइयां
पड़रिया तुला/लखीमपुर। जहां कोरोना के भयंकर परिणामों से जूझ रहे क्षेत्र ने कई भयंकर परिणामों क्षेत्र में कई मौतें होने के बाद भी क्षेत्रीय स्वास्थ्य विभाग कोरोना पॉजिटिव मरीजो के साथ खिलवाड़ कर रहा है। क्योंकि सरकार के आदेशानुसार पॉजिटिव मरीजों की निगरानी करने के सारे दावे खोखले ही वही आदेशानुसार बताया गया कि हर गांव के मरीजों की निगरानी करने के लिए समितियां बनाई गए हैं। लेकिन निगरानी समिति भी कोई ध्यान नहीं दे रही है और कई दवाइयां जो निर्धारित की गई है। जिसमें से बस खाना पूर्ति के लिए निष्प्रभावी और सस्ती गोलियां दी जा रही है बाकी दवाएं जो महंगी है वह प्राइवेट से खरीदने की बात की जा रही है। करोना मरीजो के ना तो ऑक्सीजन और ना ही टेंपरेचर चेक करने के लिए कोई टीम आ रही है हां बस अपना दामन बचाने के लिए मरीजों के पास एक -दो फोन जरूर किये जा रहे हैं। जिनको समस्या गंभीर बताई जाती है तब वो अस्पताल में उपलब्ध कुछ दवाइयों का हवाला देते हुए मजबूरी जताते हुए बाकी मेडिकल स्टोर से खरीदने की सलाह देते हैं। वहीं मरीजों की आक्सीजन लेवल चेक करना बहुत आवश्यक है लेकिन इस पर भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है कहने पर बताया जा रहा है कि आक्सीमीटर पीड़ितों को खुद खरीदना होगा। अब अगर कोई पीड़ित मरीज गरीब है और वह अपना आक्सीमीटर खरीदने में सक्षम नहीं है तो क्या स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी नहीं बनती है कि बराबर उसका चेकअप करें। बहरहाल स्वास्थ्य विभाग इन सभी समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहा जिसके भयंकर परिणाम आगे देखने को मिल सकते हैं जो दवाइयां भेजी जाती है वह कर्मचारी बस फोटो लेकर और मरीजों को आंकड़े बताकर रजिस्टर में उनका नाम नंबर नोट करके ही इतिश्री कर लेते हैं कि हमारी टीम ने मरीज के पास दवाई पहुंचाई। अब मरीज जिए या मरे इन कर्मचारियों से कोई लेना-देना नहीं होता इन को बस फोटो लेकर उच्च अधिकारियों को भेजकर ही मरीजों का इलाज हो जाता। कई कोरोना पीड़ित मरीजों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि हम लोगों का बराबर चेक अप टीम द्वारा कराते रहैं और उचित दवाई उपलब्ध कराएं क्यूंकि जो दवाइयां मरीजों को मिली हैं उनमें सिर्फ विटामिन सी, पेरासिटामोल या काफी समय से अस्पताल में पडी रही गोलियां भेजी जा रही है जबकि महंगी दवाइयां उपलब्ध ना होने के बात कहकर पल्ला झाड़ा जा रहा है।