हाथरस। “.मुश्किल नहीं है कुछ भी, अगर ठान लीजिए” यह बात आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुनीता देवी पर पूरी तरह से सटीक बैठती है। शुरूआती दौर में उन्होंने ग्रामीणों के दुव्र्यवहार का सामना भी किया, मगर अपने लक्ष्य से नहीं डिगीं। उनका सिर्फ एक ही लक्ष्य था-अपने क्षेत्र की महिलाओं-बच्चों को स्वस्थ व सुरक्षित बनाना। उनकी इसी जिद का नतीजा रहा कि वह अपनी मुहिम में सफल रहीं और आज लोग उनको पूरा सम्मान भी देते हैं व उनसे उचित सलाह भी मांगते हैं। यही कारण है कि आज उनकी क्षेत्र में एक अलग पहचान बन चुकी है। कोरोना काल में भी उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाकर लोगों को संक्रमण की जद में आने से सुरक्षित बनाने में सफल रहीं।
सुनीता देवी बताती हैं कि उनकी नियुक्ति नौ जून 2006 को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में हुई थी। उन्होंने समाज शास्त्र में एमए तक शिक्षा पायी है। उनका आंगनबाड़ी केंद्र (कछपुरा) मथुरा रोड है। सुनीता ने बताया कि उनके इस कार्य में उन्हें परिवार का पूरा सहयोग मिलता है। उनकी सास, पति और बच्चे उनका मनोबल बढ़ाते हैं। उनके कार्य में किसी भी प्रकार की रोकटोक नहीं है।
सुनीता बताती हैं कि शुरूआती दिनों में उन्हें काम करने में बहुत दिक्कत होती थी, लेकिन समाज सेवा की भावना ही उनका उद्देश्य था। इसलिए उन्होंने योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया और धीरे-धीरे उन्होंने ग्रामीणों को समझाना शुरू किया कि वह जो भी कार्य कर रहीं हैं वह यहां की महिलाओं और बच्चों के हित के लिए कर रहीं हैं। तब से आज का दिन है कि वहां के ग्रामीण उनकी हर बात मानते हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने कहा कि पहले गांव में 20-20 बच्चे कुपोषित होते थे, लेकिन अब की स्थिति में केवल एक बच्चा कुपोषित है। वह बताती हैं कि गर्भवती तथा शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को पुष्टाहार वितरण करती हैं। साथ ही विभाग द्वारा दिए जाने वाले सभी कार्यों को समय से पूरा करने या अभियान में बढ़चढ़ कर भाग लेती हैं। उनके द्वारा प्री-प्राइमरी की शिक्षा के लिए ब्लॉक मुरसान की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण भी दिया गया था, जिसे सभी ने खूब सराहा था।
सुनीता देवी ने बताया कि कोरोना काल में एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में गांव व ग्रामीणों के प्रति उनकी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ गई है। ग्रामीण कोरोना की चपेट में न आएं इसलिए उन्हें जागरूक करने का कार्य किया। साथ ही घर-घर पोषाहार भी पहुंचाया।
2020 में शुरू हुई कोरोना से जंग अभी जारी है। जज्बा है कि लोगों को इस संक्रमण से बचाना है। इसके लिए सबसे अधिक जरूरी है जागरूकता और टीकाकरण। इस ओर निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। कभी बैनर पोस्टर तो कभी खुद से मास्क लगाने का सही तरीका, समय-समय पर हाथ धोने, उचित दूरी बनाए रखने का प्रदर्शन कर ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही साथ टीकाकरण कार्य में भी वह सहयोग कर रहीं हैं। वह बताती हैं कि उनका लक्ष्य है कि उनके कार्य क्षेत्र का कोई भी व्यक्ति बिना टीके के न रहे। इसलिए वह लोगों को जागरूक करतीं है और बताती हैं कि कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण बेहद जरूरी है। इससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। टीका और जागरूकता ही सबसे बढ़ा बचाव है।
बाल विकास परियोजना अधिकारी मुरसान स्तुति वर्मा ने बताया कि सुनीता देवी द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पूरी लगन से अपना कार्य करतीं है। वह अन्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए एक मिसाल हैं।