Monday, November 18, 2024
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ऐसी क्या है मजबूरी की बर्खास्त संविदा कर्मचारी को स्वास्थय विभाग में रखना है जरूरी

-पूर्व सीएमओ डॉ अनिल मिश्रा ने संविदा कर्मचारी उमा शंकर को किया था बर्खास्त

-निजी हॉस्पिटल संचालक की शिकायत पर तीन सदस्यी जांच टीम ने की थी जांच

कानपुर। जिस संविदा कर्मचारी को भरष्टाचार के आरोप में बर्खास्त किया गया था। उसी संविदा कर्मचारी को स्वास्थय विभाग ने फिर से अहम जिम्मेदारी दे दी है। आप को बता दे कि शहर में चल रहे हॉस्पिटलों और नर्सिंगहोमो होम के रजिस्ट्रेशन और नवीनीकरण में किये गए फर्जीवाड़े में संविदा कर्मचारी उमाशंकर को पूर्व मुख्य चिकित्साधिकार डॉ अनिल मिश्रा ने संविदा कर्मचारी उमा शंकर को 26 मार्च 2021 को कार्यमुक्त कर दिया था। लेकिन स्वास्थ्य विभाग में भ्रस्टाचार की बेल इतनी लंबी फैल चुकी है कि उसको काट पाना अब न मुमकिन स दिख रहा है। हाला की स्वास्थ्य विभाग में फैली भ्रस्टाचार की बेल को पूर्व मुख्य चिकित्साधिकार डॉ अनिल मिश्रा ने काटने का प्रयास किया था। जिसकी वजह से उन्ही के अधिनस्त कुछ अधिकारी और कर्मचारी उनसे खफा थे और उन जल्द गैर जनपद ट्रांसफर की दुवाएँ मांगा करते थे। उकी दुवाओ का ही शायद नतीजा था, कि डॉ अनिल मिश्रा के गैर जनपद ट्रांसफर हो गया। डॉ अनिल मिश्रा के ट्रांसफर होते ही स्वास्थ्य विभाग में फैली भ्रष्टाचार की बेल पहले की तरह फिर से हरि भारी होने लगीं है। जिसका जीता जागता उदाहरण है पूर्व में बर्खास्त किये गए। संविदा कर्मचारी उमाशंकर का स्वास्थ्य विभाग में तैनात किये जाना।