Monday, November 18, 2024
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दफ्तर से निकलकर डीएम ने सुना पीड़ित दंपत्ति का दर्द, दिया जांच का आश्वासन

‘पीड़ित दंपत्ति ने डीएम कार्यालय के सामने आत्मदाह का किया असफल प्रयास,भाजपा नेता पर लगाया उत्पीड़न का आरोप’

रायबरेली। सत्ता के मद में चूर कुछ वरिष्ठ कार्यकर्ता और उनके दबाव में आकर काम करने वाले प्रशासनिक अधिकारी से आम जनता न्याय की उम्मीद नहीं कर सकती है। तभी तो पीड़ित ने अपने गांव से निकलकर अपनी पत्नी के साथ डीएम कार्यालय के बाहर आत्मदाह करने का असफल प्रयास किया। बतातें चलें कि शुक्रवार को डीएम कार्यालय के बाहर उस समय हड़कंप मच गया। जब एक दंपत्ति अपने दो बच्चों के साथ पहुंचा और उन्होंने आत्मदाह करने का प्रयास किया ।मामला महाराजगंज थाना क्षेत्र के जमरावा का है। जहां के रहने वाले जीत बहादुर सिंह ने आरोप लगाया है, कि गांव के दबंग उसके जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं और उसके लगाए हुए पेड़ उन लोगों ने कटवा दिए हैं। पीड़ित ने यह भी कहा है कि उसने इस मामले में अपने शिकायत पत्र को महाराजगंज एसडीएम के पास कई बार पहुंचाया। लेकिन कोई राहत नहीं मिली।पीड़ित का कहना है कि भाजपा नेता शरद सिंह जो कि जिला मंत्री हैं। उनके दबाव में प्रशासन ने उसकी नहीं सुनी और दबंगों का साथ दे दिया।परेशान जीत बहादुर ने आज जिला अधिकारी रायबरेली के कार्यालय पर पहुंचा तो सिटी मजिस्ट्रेट युगराज सिंह ने समस्या पूछी और कागजात भी मांगे वायरल वीडियो और पीड़ित के अनुसार सिटी मजिस्ट्रेट में उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया। तभी पीड़ित ने आत्मदाह का असफल प्रयास करना शुरू कर दिया। शोरगुल सुनने पर अपने कार्यालय में बैठे जिलाधिकारी महोदय को मामले की भनक पड़ी। तो वह तुरन्त दफ्तर से निकलकर पीड़ित से मिलने आए लगभग 10 मिनट तक पीड़ित दंपत्ति की समस्या को गंभीरता से सुना और खुद मामले का संज्ञान लिया, एवम तुरन्त जांच के आदेश दिए।
दरअसल भाजपा नेता का यह पहला मामला नहीं है। यह वही शरद सिंह है जिन्होंने अभी लगभग 4 महीने पहले भी सुर्खियां बटोरी थी। जब उन्होंने महाराजगंज में ग्राम पंचायत अधिकारी विक्रम जैन की पिटाई कर दी थी। इस मामले में महाराजगंज ब्लॉक में ब्लाक कर्मचारियों ने हंगामा भी किया था । लेकिन शरद सिंह के खिलाफ कोई कार्यवाही ना तो प्रशासन ने की और ना ही पार्टी ने उसका खामियाजा आज एक गरीब मजबूर ग्रामीण भुगत रहा है।वहीं जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव जब अपने दफ्तर से अचानक बाहर आकर पीड़ित दंपत्ति जब आश्वासन दिया। तो जिलाधिकारी महोदय की यह कार्यशैली जनपद में उनके न्यायप्रिय होने का मिसाल बन रही है और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के लिए आदर्श भी।