मौदहा,हमीरपुर। दशकों पहले पड़ी जर्जर पाइपलाइन के आयेदिन टूटने और लीकेज होने के कारण कस्बे की पेयजल व्यवस्था चरमरा जाती है और पूरा कस्बा पेयजल संकट से जूझने लगता है। बीते तीन दिनों से पाइपलाईन टूटने से कस्बे के तीन फीसदी हिस्से में पेयजल संकट बढ़ गया है। बीते तीन दिन पहले कस्बे के नेशनल रोड स्थित ओरीतालाब के निकट प्राइवेट जमीन से गुजरी पाईप लाईन टूट गई। जिसे जल संस्थान द्वारा ठीक करने का काम किया जा रहा है, लेकिन बीते तीन दिनों से अभी तक पाईप लाईन ठीक नहीं की जा सकी है। बताते चलें कि कस्बे में लगभग चार पांच दशक पहले डाली गई पाईप लाईन जर्जर हालत में है और आयेदिन लीकेज और फटने के कारण कस्बे के अधिकांश हिस्से में पेयजल समस्या गहरा जाती है। जिससे कस्बे के कजियाना, गदाई, कसौड़ा, मथुरा मंदिर, कोतवाली के आसपास, मराठीपुरा सहित लगभग आधा दर्जन मोहल्लों में पेयजल संकट गहरा गया है और लोग बूंद बूंद पानी को तरस रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि लगभग पांच दशक पहले कस्बे में पड़ी पाईप लाईन को जल संस्थान के कर्मियों ने अपनी सुविधा अनुसार जहां तहां से बिछा दिया था और कहीं-कहीं पर लोंगों ने उस जमीन पर अवैध कब्जा कर पाईप लाईन की जमीन को अपने कब्जे में ले लिया है। जबकि जल संस्थान कुम्भकर्णी नींद में सोया रहा, जिसका खामियाजा अब कस्बे की जनता को पेयजल संकट के रूप में उठाना पड़ रहा है। क्योंकि जब पाईप लाईन लीकेज होती है तो कर्मचारियों को पाईप लाईन तलाशने में ही कई दिनों का समय लगता है। ऐसे ही कस्बे के सेंटपाल्स स्कूल के निकट पाईपलाईन की तलाश में एक सप्ताह से अधिक गडढा खुदा पड़ा रहा था, जिसमें आयेदिन जानवरों के गिरने के बाद गडढे को बंद कर दिया गया था। लेकिन पाईपलाईन नहीं मिल सकी थी। वहीं उक्त मामले में जल संस्थान के जेई विश्वेश्वर ने बताया कि पाईप लाईन के सुधारने का काम तेजी से किया जा रहा है। और सोमवार की सुबह तक पेयजल आपूर्ति की शुरुआत होने की सम्भावना है।