मौदहा,हमीरपुर। बुण्देलखण्ड एक्सप्रेस वे के लिए अपनी जमीनों का बैनामा कर चुके किसानों ने हाईवे अथार्टी पर बैनामे से अधिक जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाते हुए अब दोबारा अपनी जमीनों का बैनामा करने से इनकार कर दिया है।जिसके चलते एसडीएम, तहसीलदार, कानूनगो और लेखपाल नें चौपाल लगाकर किसानों से बात की। लगभग चौदह हजार करोड़ रुपये की लागत से बन रहे बुण्देलखण्ड एक्सप्रेस वे के लिए किसानों द्वारा अपनी समस्या बताते हुए जमीनों के बैनामे करने से इनकार के चलते शुक्रवार एसडीएम राजेश चौरसिया और तहसीलदार ने गांव में एक चौपाल के माध्यम किसानों से बात कर उनकी समस्याऐं सुनी और उनके समाधान का पूरा भरोसा दिलाया। कोतवाली क्षेत्र के ग्राम रीवन स्थित जूनियर हाईस्कूल में एसडीएम और तहसीलदार ने पहुंचकर बुण्देलखण्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए किसानों की अधिग्रहित की गई जमीनों के बैनामे जल्दी कराने की बात किसानों से कही। हालांकि रीवन गांव के किसानों की जमीनों का अधिग्रहण और उनकी खरीद सरकार द्वारा पहले की जा चुकी है। लेकिन लगभग दो दर्जन किसानों की कुछ जमीन बुण्देलखण्ड एक्सप्रेस वे के लिए दोबारा और खरीदी जानी है। जिसपर किसानों ने एक्सप्रेस वे के ठेकेदारों पर बैनामा से अधिक जमीन अधिग्रहण करने का आरोप लगाते हुए दोबारा जमीन का बैनामा करने से इनकार कर दिया है। और कहा कि उनका जितना जमीन का रक्बा है और जितनी जमीन का बैनामा किया गया है उसके बाद शेष बची जमीन नापकर निकाल दें उसके बाद ही वह बैनामा करेंगे। जबकि कुछ किसानों ने एक्सप्रेस वे के ठेकेदारों से बैनामा से अधिक जमीन पर कब्जा करने की बात कहकर दो फसलों का मुआवजा दिलाने की भी मांग की है। किसान गोकुल ने बताया कि उसकी बैनामा के बाद बची शेष जमीन की नाप कराकर निकाल दी जाऐ और जमीन चिन्हित होनें के बाद जितनी जमीन खरीद होगी उसको छोड़कर जो जमीन बच रही है वह उसे निकालकर दी जाये। जबकि राम भरोसी पाल ने बताया कि उसका आठ बीधा जमीन का रक्बा था, जिसमें से साढ़ेतीन बीधा जमीन का उसने बैनामा किया है और उसके पैसे भी मिल गये हैं। लेकिन मौजूदि समय में मात्र तीन बीधा जमीन ही बची हुई है। हमारी शेष जमीन पर जो हाईवे अथार्टी के ठेकेदारों ने कब्जा किया है। उसको खाली करा कर जमीन निकाली जाये और उनके कब्जे के चलते बर्बाद हुई दो फसलों का मुआवजा दिलाया जाए उसके बाद सरकार जितनी जमीन खरीदना चाहती है हम बैनामा करने के लिए तैयार है। वहीं किसान बल्वन्त ने बताया कि एक्सप्रेस वे के लिए बैनामा करने के बाद उसकी पौन बीधा जमीन बच रही थी लेकिन जमीन है ही नहीं।और उसी जमीन का बैनामा किया जाना है।वहीं एसडीएम राजेश कुमार चौरसिया ने बताया कि इतने बड़े प्रोजेक्ट में कुछ माल इधर उधर गिरने से किसी की जमीन में जाना स्वाभाविक है बाकी किसी भी किसान की एक इंच जमीन बिना पैसों के नहीं ली जायेगी। अभी पानी भरा होने के कारण जमीन की नाप सम्भव नहीं है लेकिन जैसे ही खेत सूखते हैं सभी के खेतों की नाप की जायेगी और आगे की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। इस दौरान लेखपाल देवेंद्र अवस्थी, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रीवन सहित दर्जनों किसान मौजूद रहे।