हमीरपुर। यमुना-बेतवा नदियों का जल स्तर बढ़ने के साथ ही संक्रामक रोगों के बढ़ने की आशंका के बीच स्वास्थ्य विभाग की टीमें लोगों को जागरूक करने के साथ ही दवा वितरण में जुट गई हैं। राहत कैंपों में स्वास्थ्य विभाग की टीमें बीमारों का चेकअप करने के साथ ही दवा वितरण कर रही हैं। इसके अलावा बाढ़ग्रस्त इलाकों में भी टीमों का भ्रमण शुरू हो गया है। मच्छर मार दवा का छिड़काव कराया जा रहा है। कुल 45 टीमें लगाई गई हैं। यमुना-बेतवा का जल स्तर इस वक्त खतरे के निशान के पार है। अभी इसमें और बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। जिसके चलते तटीय इलाकों के हजारों लोग बेघर होकर सुरक्षित स्थानों में पलायन कर रहे हैं। पिछले दो दिनों से चटख धूप निकलने से उमस भरी गर्मी ने लोगों को बेहाल कर रखा है। बाढ़ के पानी के साथ ही मौसम के इस मिजाज से लोगों के बीमार होने की संभावना ज्यादा बढ़ गई है। लिहाजा स्वास्थ्य विभाग की टीमें बाढ़ग्रस्त इलाकों में सक्रिय हो गई हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एके रावत ने बताया कि जनपद में 36 बाढ़ राहत चौकियां हैं। सभी चौकियों में एक-एक टीम के साथ ही कुल 45 टीमें लगाई गई है, जो बाढ़ग्रस्त इलाकों में नजर रखे हुए हैं। बाढ़ राहत शिविरों में भी टीमें लगातार जा रही हैं और लोगों को संक्रामक रोगों से बचाव के प्रति जागरूक कर क्लोरीन की दवा, ओआरएस पाउडर का वितरण किया जा रहा है। कुछेछा स्थित शिविर में भी स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है। जिला मलेरिया अधिकारी आरके यादव ने बताया कि बाढ़ की वजह से मच्छरजनित रोगों पर लगाम लगाने को लेकर बाढ़ग्रस्त 20 गांवों में एंटी लार्वा दवा का भी छिड़काव कराया गया है। लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक किया जा रहा है। बाढ़ राहत कैंप में भी दवा का छिड़काव कराने के साथ ही दवा का वितरण कराया गया है।बाढ़ में सेहत को लेकर रहे सावधान
जिला अस्पताल के फिजीशियन डा. आरएस प्रजापति ने बताया, बाढ़ में बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है। खासकर वायरल और संक्रमण का प्रभाव इस समय ज्यादा होता है। बाढ़ कम होते ही गंदे पानी को पूरी तरह साफ कर दें। घर में जब तक पूरी तरह पानी न निकल जाएं वहां न रहें। नमी वाले स्थानों से अपने को बचाएं। कूड़ा, स्लम की चीजों को तत्काल हटा दें।
इन बातों का भी रखें ख्याल-
– किसी भी हाल में उबला पानी ही पीएं।
– बासी खाना से पूरी तरह परहेज करें।
– कटे फल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
– बाहर खुले में खाना न खाएं।
– बाहर मिलने वाले चाट-मसाले का प्रयोग न करें।
– बच्चों को साफ-सफाई के साथ रखें।
– हल्का भोजन करें और शुद्ध पानी ही पीएं।