Saturday, April 20, 2024
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सीडीओ ने विद्यालय प्रबन्धकों को मानक के अनुरूप वाहनों के संचालन करने की दी नसीहत

2017.05.17 01 ravijansaamnaकानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। विकास भवन के आडिटोरियम सभाकक्ष में मुख्य विकास अधिकारी केके गुप्त ने स्कूल के प्रबन्धकों व प्रधानाचार्यो तथा अभिभावकों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए निर्देश दिये है कि बच्चों के आवागमन के लिए प्रबन्धक व प्रधानाचार्य परिवहन विभाग द्वारा तय किये गये मानक के अनुरूप बसों व वाहन का संचालन करें ताकि बच्चे पूरी तरह से यात्रा सुरक्षित रहे। मुख्य विकास अधिकारी ने सभी विद्यालय के प्रबन्धक व प्रधानाचार्यो से कहा कि किसी भी विद्यालय वाहन के मानक निर्धारित जैसे पीले रंग में वाहन रंगे होने चाहिए, 6 इंच की नीली या भूरे रंग की हरी पट्टी पर स्कूल का नाम व मोबाइल नंबर लिखा होना चाहिए, दो बाई दो की सीट तथा सीटों के पीछे पकड़ने का हत्था लगा होना चाहिए, जिससे बच्चे उलट कर गिरने न पाये, पीछे साइड में आकस्मिक खिड़की अनिर्वायता होनी चाहिए, फस्ट एड बाक्स के अलावा उसमें रखी जाने वाली दवाओं की लिस्ट न केवल चालक के पास हो, अपितु दवाओं की पूरी जिम्मेदारी बस में चल रहे हेल्पर, अध्यापक व बच्चों को भी होनी चाहिए, सीबीएसई की गाइड लाइन के हिसाब से प्रत्येेक स्कूल बस में जीपीएस सिस्टम व कैंमरा लगा होना चाहिए, बस 40 किलोमीटर से अधिक तेज गति से नही चलेगी, इस में चढ़ते उतरते समय कोई दिक्कत न हो वाहन चालक के पास अपेक्षित क्षमता वाला ड्राइविंग लाइसेन्स, आईडी प्रूफ मेडिकली फिट होने का प्रमाण पत्र होना चाहिए, प्रत्येक वाहन चालक के आंखों की जांच व उसका सत्यापन प्रमाण पत्र भी वाहन में मौजूद रहना चाहिए, चालक व हेल्पर का मोबाइल नंबर बस के भीतर डिस्पले होना चाहिए, बस के अन्दर पेयजल की भी व्यवस्था बच्चों के लिए होना चाहिए, प्रत्येक स्कूली वाहन में 2 से 5 किलो के आग बुझाने वाले संयन्त्र लगे होने चाहिए, स्कूल वाहन में पर्दे अथवा फिल्म वाले शीशे नहीं लगे रहने चाहिए, बच्चों के लाने व ले जाने के समय वाहन में स्कूल का एक अध्यापक-अध्यापिका तथा एक अटेडेन्ट अनिवार्यता होना चाहिए, स्कूली वाहन के आगेे व पीछे दोनों ओर स्कूल वाहन शब्द लिखे जोने चाहिए, स्कूली वाहन चलाने वाले वाहन चालक के पास वाहन चलाने का कम से कम 5 वर्ष का अनुभव होना चाहिए। उन्होंने कहा विद्यालय के वाहन चालक के पास लाइसेंस व उसके यातायात नियमों का जानकारी होना जरूरी है साथ ही उसको ये भी देखना है कि उसके बस के ईदगिर्द पैदल साइकिल सवार आदि आमजन भी चलते है अतः व अपनी स्पीड व गाडी की स्पीड को नियंत्रित करते हुए चलाये। सीडीओ ने कहा कि विद्यालय के एक मंदिर की तरह होता है। इसके द्वारा किसी अभिभावक का शोषण अक्षम अपराध है। हमे प्रयास करना चाहिए कम शुल्क में संस्कार सीखकर समाज को भी नई दिशा दे सकते है। कहा कि यही छात्र छात्रायें ही देश के भविष्य है। देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना आगामी समय में नाइंसाफी साबित होगी। क्योकि नींव की ईट ही मजबूत होनी चाहिए जिससे इबारत मजबूत रहे। उन्होंने कहा कि मान्यता प्राप्त व पब्लिक स्कूलो में फीस बढोत्तरी पर लगाम कसने को लेकर मुख्य विकास अधिकारी प्रबन्धक व प्रधानाचार्य तथा अभिभावकों के उपस्थिति में कहा कि जनपद में गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों पर शिकंजा कसने के लिए उपजिलाधिकारी व खंड शिक्षाधिकारी के तत्वावधान में छापा मारकर विद्यालयों पर कडी कार्यवाही होगी। उन्होने कहा कि विद्यालय में ड्रेस व किताबे बेचने वाले प्रबन्धकों पर सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने स्कूलों में स्वच्छता अभियान, अग्निशमन व बच्चों को ले जाने वाली बसों को मानक के अनुसार चलाये जाने पर जोर दिया। इस मौके पर डीआईओएस प्रेम प्रकाश मौर्य, बीएसए शाहीन व बडी संख्या में विद्यालय प्रबन्धक व प्रधानाचार्य, अभिभावक आदि लोग मौजूद रहे।