Sunday, November 17, 2024
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डाक विभाग ने ओलंपियन ललित उपाध्याय को किया सम्मानित

वाराणसी।भारतीय डाक विभाग द्वारा टोक्यो ओलंपिक.2020 में कांस्य पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के सदस्य ललित उपाध्याय का विशेश्वरगंज स्थित प्रधान डाकघर, वाराणसी में वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव की अध्यक्षता में आयोजित एक कार्यक्रम में 6 सितंबर को सम्मान किया गया। पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने ओलंपियन ललित उपाध्याय को शाल ओढ़ाकर और उनके चित्र वाली माई स्टैम्प भेंटकर सम्मानित किया। ललित की माँ रीता उपाध्याय, पिता सतीश उपाध्याय और उनके कोच परमानंद मिश्र को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया। डाक टिकट पर अपना चित्र देखकर ललित और उनके परिजन बेहद प्रफुल्लित नजर आये और डाक विभाग का शुक्रिया अदा किया। गौरतलब है कि ललित उपाध्याय टोक्यो जाने वाली हॉकी ओलम्पिक टीम में उत्तर प्रदेश से भी एकमात्र खिलाड़ी रहे। कार्यक्रम का संयोजन वाराणसी मंडल के प्रवर डाक अधीक्षक राजन और सीनियर पोस्टमास्टर चंद्रशेखर सिंह बरुआ द्वारा किया गया। ललित उपाध्याय ने इस दौरान बदलते दौर में डाक विभाग की कार्यप्रणाली को भी समझा और वाराणसी प्रधान डाकघर में इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक का खाता भी खुलवाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि वाराणसी की धरा साहित्य, कला, संस्कृति, शिक्षा, अध्यात्म के लिए ही नहीं जानी जाती बल्कि खेल के क्षेत्र में भी राष्ट्रीय.अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धियों के लिए जानी जाती है। टोक्यो ओलंपिक में तीन बार की चैम्पियन जर्मनी को हराकर कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रूप में ललित उपाध्याय ने वाराणसी ही नहीं, अपितु पूरे देश का मान बढ़ाया है। उनकी इस उपलब्धि से युवाओं को प्रेरणा मिलेगी और वे नए आयाम रचने को तत्पर होंगे।यादव ने कहा कि यह भी एक खूबसूरत संयोग है कि मास्को ओलम्पिक 1980 में भारतीय हॉकी टीम को गोल्ड मेडल जिताने में वाराणसी के ही मो0 शाहिद ने अहम भूमिका निभाई थी और अब टोक्यो ओलम्पिक में भी वाराणसी के ही ललित उपाध्याय ने हॉकी टीम को कांस्य मेडल जिताने में प्रमुख भूमिका निभाई। इस ऐतिहासिक प्रदर्शन की बदौलत ही ओलम्पिक में 41 वर्ष बाद भारत ने हॉकी में पदक प्राप्त किया। पद्मश्री मो0 शाहिद,विवेक सिंह व राहुल सिंह के बाद ललित उपाध्याय वाराणसी के चौथे ऐसे हॉकी खिलाड़ी हैं। जिन्होंने ओलम्पिक में देश का प्रतिनिधित्व कर सभी को गौरवान्वित किया। ओलंपियन ललित उपाध्याय ने अपने सम्मान से अभिभूत होकर सर्वप्रथम डाक विभाग का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत की बदौलत कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। 41 वर्षों बाद भारतीय हॉकी टीम का ओलम्पिक में पदक जीतना बेहद आनंददायक और उत्साहवर्धक है। जिस तरह से वाराणसी और उत्तर प्रदेश में हॉकी का विकास हो रहा है। निश्चय ही अगले कुछ दिनों में यहाँ से और अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी निकलेंगे। बनारस के लोगों ने हमेशा मुझे बहुत प्यार और सम्मान दिया। यह पवित्र धरती मुझे सदैव कुछ नया करने की प्रेरणा देती है। उन्होंने युवाओं से कहा कि सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता। युवा खिलाड़ी बस अपने खेल शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर अच्छे से ध्यान दें, तभी तरक्की के रास्ते भी खुलेंगे। भारतीय खेल प्राधिकरण साई के पूर्व चीफ कोच और ललित उपाध्याय के गुरु परमानंद मिश्र ने कहा कि ललित आरम्भ से ही मेधावी और ऊर्जावान खिलाड़ी रहे हैं और ओलम्पिक की इस जीत के बाद उनसे और भी अपेक्षाएँ बढ़ गई हैं। पिता सतीश उपाध्याय ने कहा कि अच्छा लगता है जब लोग मुझे मेरे बेटे के नाम से पहचानते हैं। अब तो हम लोगों का सपना यही है कि अगली बार हॉकी में गोल्ड लेकर आएं। डाक विभाग के विभिन्न यूनियन पदाधिकारियों द्वारा भी ललित उपाध्याय का सम्मान किया गया। इनमें जगदीश चंद्र शादेजा, सदस्य भारतीय डाक हॉकी टीम, सुशांत कुमार झा, नवीन कुमार श्रीवास्तव, पंकज कुमार, शत्रुघ्न नारायण सिंह आदि शामिल हैं ।
इस अवसर पर वाराणसी पूर्वी मंडल के प्रवर डाकघर अधीक्षक राजन, सीनियर पोस्टमास्टर चंद्र शेखर सिंह बरुआ, वाराणसी पश्चिमी मंडल के डाकघर अधीक्षक कृष्ण चंद्र, सहायक निदेशक राम मिलन, संजय कुमार वर्मा, सहायक डाक अधीक्षक पंकज श्रीवास्तव, सुरेश चंद्र, डाक निरीक्षक बलबीर सिंह, नरेश बारा, श्रीकांत पाल, वीएन द्विवेदी, सी0 अनिथा, राजेंद्र यादव, राहुल कुमार, एसपी गुप्ता सहित तमाम अधिकारी.कर्मचारी उपस्थित रहे।