Monday, May 6, 2024
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UP में BSP का चुनावी सफर और 2022 क्या होगी चुनावी डगर

बहुजन समाज पार्टी का गठन 14 अप्रैल 1984 को मान्यवर कांशीराम के द्वारा किया गया था उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी ने शानदार और ऐतिहासिक चुनावी प्रदर्शन के कारण 2007 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी।
1989 से लेकर 2017 के विधानसभा चुनाव परिणामों की एक रिपोर्ट कार्ड आपके समक्ष रख रहे हैं 1989 में उत्तर प्रदेश की 10 वी विधानसभा के चुनाव संपन्न हुये इन चुनावों में बसपा 13 विधानसभा सीटें जीत पाई 9. 33% वोट प्राप्त हुए।
सन 1991 में 11 वी में यूपी के विधानसभा चुनाव में बसपा ने 384 सीटों पर चुनाव लड़ा और 12 विधानसभा सीटें मिली विधानसभा चुनाव में बसपा को 8.26 वोट प्राप्त हुए।
1993 में उत्तर प्रदेश की 12 वी विधानसभा सभा चुनाव के लिए चुनाव कराए गए इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने 163 सीटों पर चुनाव लड़ा जिनमें से 67 सीटें जीती और मत प्रतिशत करीब 11% रहा।
1993 में विधानसभा चुनाव के लिए बसपा का सपा के साथ गठबंधन था इन चुनावों में समाजवादी पार्टी के 109 विधायक चुनाव जीत कर आए थे काशीराम जी के अथक प्रयासों के कारण यह समझौता हुआ और इस समझौते के कारण दोनों पार्टियों को मिलाकर 176 सीटें मिली थी।
चुनाव परिणाम के बाद समाजवादी पार्टी ने बसपा के साथ मिलकर और कुछ अन्य दलों के समर्थन और निर्दलीय को मिलाकर सरकार बनाई थी . 1996 उत्तर प्रदेश की 13 विधानसभा के चुनाव संपन्न हुए चुनाव में बसपा ने 296 सीटों पर चुनाव लड़ा और एक बार फिर 67 सीटों पर विजय प्राप्त की लेकिन इस बार वोट प्रतिशत बसपा का करीब 20% हो गया था।
यूपी की 14वी विधानसभा के लिए 2002 में चुनाव कराए गए बसपा ने इस बार 402 सीटों पर चुनाव लड़ा और 98 सीटें हासिल हुई इस बार भी बसपा का वोट प्रतिशत करीब 23% रहा .उत्तर प्रदेश की की 15 वी विधानसभा के लिए 2007 में चुनाव कराए गए और इस बार चुनाव परिणाम चौंकाने वाले रहे।
इन चुनावों में बसपा को 206 सीटें मिली और पूर्ण बहुमत की सरकार बनी इन चुनावों में बसपा को 30 % मत प्राप्त हुये।
चुनाव में बसपा को पूर्ण बहुमत के बारे में किसी भी भविष्यवक्ता एवं चुनावी पंडित ने कोई भविष्यवाणी नहीं की थी .इस बार सभी एग्जिट पोल्स और चुनावी सर्वे को निराधार करते हुए बहुजन समाज पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की थी यह निश्चित रूप से बहुजन समाज पार्टी की प्रगति का स्वर्ण काल था इसी समय बहुजन समाज पार्टी ने भजनों के महानायक ओके स्मृति में ऐतिहासिक स्मारक बनाए और बहुजन धरोहर को विश्व पटल पर रखने में कामयाब रहे।
उत्तर प्रदेश की 16वीं विधानसभा चुनाव के लिए 2012 में चुनाव कराए गए जिसमें बसपा ने सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ा और 80 सीटों पर जीत हासिल की. इन चुनाव में बसपा को अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा और बसपा का वोट 26% रहा।
उत्तर प्रदेश की 17वी विधानसभा चुनाव के लिए 2017 में चुनाव संपन्न कराए गए इन चुनावों में बसपा ने 403 सीटों पर चुनाव लड़ा और मात्र 19 सीटें ही जीत पाई हालांकि चुनाव प्रतिशत 22% से भी अधिक रहा . लेकिन इन चुनावों में बसपा को बहुत बड़ी हार का सामना करना पड़ा जिसकी संभवत बसपा ने किया बहुजन समाज ने भी कभी कल्पना नहीं की।
2022 में 18वीं विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव मार्च के महीने में संपन्न होने हैं
इस चुनाव में बसपा ने अकेले बिना किसी गठबंधन के चुनाव लड़ने का फैसला किया है और संभवत सभी 403 सीटों पर बसपा चुनाव लड़ने जा रही है।
इस चुनाव में बसपा का अस्तित्व दाव पर लगा है हालांकि इस बार चुनाव की तैयारी समय रहते जोरदार ढंग से की गई है। सभी 75 जिलों में प्रबुद्ध सम्मेलन का आयोजन बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के माध्यम के द्वारा किया जा चुका है इन क्षेत्रों में उच्च वर्ग विशेष कर ब्राह्मण समाज में बसपा ने एक संदेश देने काम किया है जैसा कि 2007 में बसपा ने किया था एक विशेष अभियान के तहत सभी 86 आरक्षित सीटों पर भी जोरदार तैयारी बसपा कर रही है राष्ट्रीय महासचिव सदस्य मिश्रा और ओबीसी नेताओं को साथ लेकर प्रत्याशियों की भी घोषणा की जा रही है आरक्षित वर्ग के लिए और एक सामाजिक भाईचारे का संदेश भी दिया जा रहा है।
चुनावी घोषणा के बाद किस तरह की रणनीति अपनाएगी बसपा यह बेहद रोचक रहेगा।
वीरेंद्र कुमार जाटव
पूर्व राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी समता सैनिक दल