Sunday, May 19, 2024
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प्रधान, लेखपाल व एसडीएम की मिली भगत, भूमाफियों से सांठगांठ का आरोप

रामलीला कमेटी सदस्यों सहित ग्रामीणों में आक्रोश, हाईकोर्ट सहित डीएम से न्याय की गुहार, सही जांच की मांग

खीरो/रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता। ग्राम समाज सहित नजूल की जमीनों पर सदैव भूमाफियों की नजर बनी रहती है, लेकिन इन जमीनों पर अगर निर्माण हो जाय तो बाद में सिस्टम के चलते मामले ठंडे बस्ते में चले जाते है और अलग अलग सिस्टमो से वही जायज हो जाते है। कुछ ऐसा ही सिस्टम खीरो ग्राम सभा मे चला जहां रामलीला कमेटी सदस्यों के शिकायती पत्र पर जहां पहले तो अवैध भूमि का कार्य रोका गया। लेकिन बाद में सिस्टम के चलते उन्ही के शिकायत पर तत्काल टीमो ने जांच कर गलत को सही बताकर टीम लौट गई और कार्य प्रगतिशील हो गया। जबकि जानकारी के अनुसार नक्से के आधार पर गलत निर्माण हो रहा है वही गलत गलत की चर्चाओं से भी बाजार गर्म है लेकिन बोलने की हिम्मत कोई नहीं जुटा पा रहा। शिकायत पत्र में ग्राम सभा खीरों की तालाब गााटा सं0 691ख व औषधालय गाटा सं0 690 एवं गाटा सं0 689प पर पक्का नाला एवं गुरगुज तोड़कर एसडीएम लेखपाल की मिली भगत से भू-माफियों का अवैध कब्जा किये जाने का जिक्र किया गया।इसके साथ दोबारा जिलाधिकारी को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि आदर्श रामलीला कमेटी, खीरों ग्राम सभा खीरों तहसील लालगंज में मुुुख्य चौराहे के बगल के पिछले 81-82 वर्षों से रामलीला का मंचन एवं तालाब में जल बिहार का कार्यक्रम का आयोजन होता चला आ रहा है जो कि कमेटी पंजीक्रत है। रामलीला मैदान के बगल में एक पक्का तालाब स्थित है जिसमें ग्राम सभा एवं धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन किये जाते हैं। उक्त तालाब में पानी जाने का पक्कर नाला व तालाब का गुरगुज तोड़कर अवैध निर्माण किया जा रहा है। जिसकी सूचना डीएम कार्यालय में दिनाॅंक 29.01.2022 को दी गयी, शिकायत बाद तहसील से एक टीम भेजकर मौके का मुवायना/जांच की गयी जो कि तथ्यों को छुपाकर गलत जाॅंच रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी। इधर मौके पर बन्जर भूमि एवं तालाब के नाले को तोड़कर कब्जा करते हुए निर्माण अंतिम चरण में है। यही नही अन्दाज लगाया जा रहा है कि आगे साठ-गाॅठ कर तालाब के आस-पास की भूमि पर ग्राम प्रधान व एसडीएम लेखपाल की मिली भगत से पट्टा कर दिये जायेंगे जबकि अभी तक कोई पट्टा नही है इससे धर्मिक स्थल एवं सामाजिक कार्यक्रमों में व्यवधान उत्पन्न होंगे इससेे ग्रामीणों में अत्यन्त आक्रोष उत्पन्न है। अब कमेटी के दोबारा दिए शिकायत पत्र के बाद कोई कार्यवाही होती है या सिस्टम के चलते सभी मूक दर्शक बने रहेंगे, यह तो समय तय करेगा।