Friday, May 3, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » लोकतंत्र के महापर्व पर  20 फरवरी को जनपद में होगा मतदान

लोकतंत्र के महापर्व पर  20 फरवरी को जनपद में होगा मतदान

हाथरस, सादाबाद व सिकन्द्राराऊ में त्रिकोणीय घमासान के आसार
हॉट सीट सादाबाद में कड़ा संघर्ष तो हाथरस व सिकन्द्राराऊ में रोमांचक मुकाबले की तैयारी
हाथरस। लोकतंत्र के महापर्व के तहत 20 फरवरी को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के तहत जनपद में तीसरे चरण में हाथरस, सादाबाद एवं सिकन्द्राराऊ में मतदान आयोजित होगा तथा तीनों विधानसभा क्षेत्रों के नए विधायकों की किस्मत का फैसला जनता द्वारा ईवीएम मशीन में कैद किया जाएगा तथा इस बार का विधानसभा चुनाव बेहद रोमांचक एवं रोचक बना हुआ है और जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर अलग-अलग समीकरण बने हुए हैं। जिससे किसी भी प्रत्याशी को लेकर स्पष्ट स्थिति के बारे में नहीं कहा जा सकता है। हालांकि प्रत्याशियों के समर्थक अपने-अपने दावे भी कर रहे हैं और आंकड़े भी अभी से पेश कर रहे हैं। लेकिन इसका असली निर्णय तो आगामी 10 मार्च को ही देखने व सुनने को मिलेगा। जनपद में सबसे ज्यादा हॉट सीट सादाबाद विधानसभा क्षेत्र बना हुआ है और सादाबाद विधानसभा सीट को लेकर पूरे जिले के राजनीतिक गलियारों में भारी चर्चाएं हैं।
हाथरस सुरक्षित विधानसभा सीट की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी द्वारा आगरा की पूर्व मेयर एवं भाजपा में प्रदेश मंत्री श्रीमती अंजुला सिंह माहौर को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा गया है। वहीं समाजवादी पार्टी से शहर के विभव नगर निवासी ब्रजमोहन राही एडवोकेट को प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा गया है और सपा प्रत्याशी राही को राष्ट्रीय लोकदल एवं महान दल का भी समर्थन प्राप्त है तथा बहुजन समाज पार्टी द्वारा विजयगढ़ के चेयरमैन संजीव कुमार काका को अपना प्रत्याशी बनाया गया है। वहीं कांग्रेस पार्टी द्वारा अंबेडकर नगर किला खेरा इगलास के निवासी इंजीनियर कुलदीप कुमार को अपना प्रत्याशी बनाया गया है। जबकि अन्य छोटे दलों व निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में हैं। हाथरस विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला त्रिकोणीय होता हुआ नजर आ रहा है और मतदाताओं द्वारा भाजपा, सपा व बसपा के बीच ही त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है लेकिन अभी किसी प्रत्याशी के बारे में कुछ भी स्पष्ट कहना अतिशयोक्ति होगी।
उधर मिनी छपरौली कहे जाने वाले सादाबाद विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो सादाबाद विधानसभा सीट इस समय जनपद में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में भारी सुर्खियों में है और हॉट सीट बनी हुई है तथा सादाबाद विधानसभा सीट पर जनपद के हर राजनीतिज्ञ की नजरें लगी हुई हैं और सादाबाद सीट पर हो रहे कड़े मुकाबले को नजदीकी से लोग देखने की कोशिश कर रहे हैं। सादाबाद विधानसभा सीट पर उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ कद्दावर नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री तथा वर्तमान सादाबाद विधायक रामवीर उपाध्याय जहां इस बार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। वही वह राजनीति एवं चुनाव के चाणक्य माने जाते हैं। जबकि राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर जिला पंचायत सदस्य एवं रालोद के वरिष्ठ नेता प्रदीप चौधरी उर्फ गुड्डू चौधरी चुनाव मैदान में हैं और उन्हें भी समाजवादी पार्टी व महान दल का समर्थन प्राप्त है तथा सादाबाद के संघर्ष को बेहद रोमांचक बनाने में अभी हाल ही में भाजपा छोड़कर बसपा में शामिल हुए वरिष्ठ युवा नेता डॉ. अविन शर्मा अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं और जो मुकाबला अभी तक सीधे-सीधे माना जा रहा था, वह अब सादाबाद विधानसभा सीट पर भी त्रिकोणीय होता हुआ नजर आ रहा है तथा सादाबाद विधानसभा सीट पर कोई भी राजनीतिक पंडित अभी कुछ भी स्पष्ट कहने के मूड में नहीं है। क्योंकि सादाबाद की स्थिति बेहद संघर्षपूर्ण बनी हुई है। वहीं सादाबाद के चुनाव में पिछड़ा समाज से कांग्रेस पार्टी द्वारा युवा नेता मथुरा प्रसाद कुशवाहा को चुनाव मैदान में उतारा गया है और वह भी अपनी जद्दोजहद में लगे हुये हैं।
इधर सिकन्द्राराऊ विधानसभा क्षेत्र में भी चुनाव की स्थिति त्रिकोणीय बनती हुई नजर आ रही है।
भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपने वर्तमान विधायक एवं प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह राणा को चुनाव मैदान में उतारा गया है तो समाजवादी पार्टी द्वारा अपने युवा कार्यकर्ता डॉ. ललित बघेल को प्रत्याशी बनाया गया है। जबकि बहुजन समाज पार्टी द्वारा क्षेत्र के प्रमुख समाजसेवी एवं इत्र कारोबारी ठाकुर अवधेश कुमार सिंह को चुनाव मैदान में उतारा गया है और सिकन्द्राराऊ विधानसभा सीट पर भी इन तीनों प्रत्याशियों में ही रोमांचक त्रिकोणीय मुकाबला होता हुआ नजर आ रहा है। जबकि कांग्रेस पार्टी द्वारा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष चंद्रगुप्त विक्रमादित्य की पत्नी श्रीमती छवि वार्ष्णेय को अपना उम्मीदवार बनाया गया है।लेकिन अभी किसी भी दल के प्रत्याशी के बारे में कुछ भी स्पष्ट कहना थोड़ी जल्दबाजी होगी। क्योंकि मतदाता बेहद सोच समझकर ही अपने प्रत्याशी का चुनाव करता है और मतदाता चाहता है कि उसका अगला विधायक ऐसा हो, जो क्षेत्र की जनसमस्याओं का निराकरण कराये। स्थानीय जनता की भावनाओं का सम्मान करे और जनता का भी मान सम्मान करे।